जानिए, किसने अौर कैसे की थी बाबा बर्फानी की खोज

Friday, Jun 23, 2017 - 10:51 AM (IST)

अमरनाथ धाम में देवाधिदेव महादेव को साक्षात विराजमान माना जाता है। महादेव प्रति वर्ष श्री अमरनाथ गुफा में अपने भक्तों को हिमशिवलिंग के रूप में दर्शन देते हैं। इस पवित्र गुफा में हिमशिवलिंग के साथ ही एक गणेश पीठ, एक पार्वती पीठ भी हिम से प्राकृतिक रूप में निर्मित होती है। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शंकर ने शिव धाम की प्राप्ति करवाने वाली परम पवित्र ‘अमर कथा’ भगवती पार्वती को सुनाई थी। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित इस पवित्र गुफा की यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों के मन में यह सवाल उठता है कि इतनी ऊंचाई पर स्थित इस गुफा के स्थान तक सबसे पहले कौन पहुंचा होगा या इस गुफा में भगवान शिव के इस स्वरूप में दर्शन किसने किए होंगे। जानिए, श्री अमरनाथ गुफा की खोज के बारे में- 

श्री अमरनाथ गुफा की खोज 
इस पवित्र गुफा की खोज बहुत ही नेक और दयालु मुसलमान गडरिए बूटा मलिक ने की थी। वह एक दिन अपनी भेड़ों को चराते-चराते बहुत दूर निकल गया। एक जंगल में पहुंच कर उसकी एक साधु से भेंट हो गई। साधु ने उसे कोयले से भरी एक कांगड़ी दी। घर पहुंच कर बूटा मलिक ने कोयले की जगह सोना पाया तो वह बहुत हैरान हुआ। उसी समय वह साधु का धन्यवाद करने के लिए लौटा परंतु वहां साधु की बजाय एक विशाल गुफा देखी। उसी दिन से यह स्थान एक तीर्थ बन गया। आज भी यात्रा पर आने वाले शिव भक्तों द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे का एक निश्चित हिस्सा मलिक परिवार के वंशजों को जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार कश्यप ऋषि ने कश्मीर घाटी के पानी का निष्कासन किया। कश्मीर घाटी उस समय एक बहुत बड़ी झील मानी जाती थी। जब लोगों को इसका ज्ञान हुआ तो वे इस शिव स्थल की तीर्थ यात्रा पर आने लगे। कश्यप ऋषि द्वारा अस्तित्व में आने के कारण से ही इस घाटी का नाम कच्छप घाटी पड़ा जो बाद में कश्मीर घाटी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।  
 

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