रक्षा बंधन 2019- राखी बांधने से पहले भाई की सलामती के लिए ज़रूर बोले ये मंत्र

Wednesday, Aug 14, 2019 - 10:26 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
कहते हैं दुनिया में केवल दो ऐसे रिश्ते हैं जो निस्वार्थ कहलाते हैं। वो हैं मां-बाप और भाई बहन। कल यानि 15 अगस्त को भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का त्यौहार है। हर भाई बहन के लिए यह राखी का ये दिन बहुत खास होता है। इस दिन बहनें अपनी भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है। जिसके बाद भाई अपनी बहन को इसकी रक्षा का वचन देते हैं। देश के विभिन्न शहरों में इस त्यौहरा को बडी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें यह त्यौहार ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर साल सावन माह के आख़िरी दिन यानि पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में राखी से संबंधित कई नियम वर्णित हैं। मगर आज कल लोग बहुत मार्डन हो गए हैं इसलिए शास्त्रों में लिखी ये बातें उनके लिए कोई मायने नहीं रखती हैं। मगर बता दें हर किसी के लिए राखी से संबंधित नियम आदि का पालन करना ज़रूरी है। क्योंकि बिना इसके न राखी बांधने वाली बहन को व न बंधवाने वाले भाई को कोई लाभ प्राप्त होता है। तो अगर आप चाहते हैं कि राखी का ये त्यौहार भाई-बहन दोनों के जीवन में खुशियां लाए तो आगे बताए जाने वाले नियमों का ध्यान ज़रूर रखें।
 

भाई की कलाई पर राखी बांधते समय इस मंत्र का करें उच्चारण
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’।।

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस मंत्र का एक ख़ास अर्थ हैं जिसके अनुसार राजा बलि ने रक्षा सूत्र से ध्यान भटकाए बिना अपना सब कुछ त्याग दिया था,  ठीक वैसे ही रक्षा, आज मैं तुम्हे बांध रही हूं तो तुम अपने लक्ष्य से विचलित न होना और मेरे भैया की हर हल में रक्षा करना


पूजा की थाली क्या होना ज़रूरी-
राखी की पूजा थाल में कलाई पर बांधने वाली राखी, कुमकुम और अक्षत, मिठाई, सिर ढकने के लिए रुमाल या टोपी,  घी का दीपक और नारियल रखें। इन सबके अलावा अगर आप अपने भाई को कोई गिफ्ट देना चाहती हैं तो उसे भी थाली में रख लें।

कुछ मान्यताओं के अनुसार लड़कियां भाइयों के अलावा अपनी भाभी को भी राखी बांध सकती हैं। माना जाता है इससे भाभी-ननद के बीच का रिश्ता मज़बूत होता है।

कैसे शुरू हुआ रक्षा बंधन का त्यौहार-
इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत की लड़ाई होने वाली थी तो उसके पहले श्रीकृष्ण ने राजा शिशुपाल के ऊपर सुदर्शन चकरा चलाया था। ऐसा करते समय उनके हाथ में चोट लग गई थी ऐसे में द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ उनकी ऊंगली पर बांध दिया था। इसके बाद कृष्ण ने हमेशा द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था। जब ये हुआ था तब भी सावन मास की पूर्णिमा थी। कहा जाता है इसके बाद से ही ये त्यौहार मनाया जाने लगा।

राखी पर इनकी पूजा से होती है धन वृद्धि
शायद हो कोई जानता होगा लेकिन इस दिन भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव का जन्मदिन भी होता हैं। इस दिन इनकी पूजा करते हैं तो धन प्राप्ति होती हैं।

Jyoti

Advertising