Kundli Tv- किसने दिया था बजरंगबली को श्राप?

Tuesday, Dec 11, 2018 - 03:20 PM (IST)

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बजरंगबली की गाथाएं बहुत सारे धर्मशास्त्रों में पढ़ने को मिलती हैं। न केवल रामायण और महाभारत काल में बल्कि उनका यश आज भी कायम है। क्या आप जानते हैं अपार शक्तियों के बावजूद उन्हें उनका बल याद करवाना पड़ता है? बचपन में हनुमान जी बहुत नटखट स्वभाव के थे। इसके अलावा उन्होंने ऐसी बहुत सारी लीलाएं की जो उनकी उम्र के बच्चों के लिए संभव नहीं थी। बहुत बार ऐसा होता जब वह ऋषियों-मुनियों के आश्रम में पहुंच जाते और अपने बालपन कि नादानी में कुछ ऐसा कर जाते जिससे उनकी तपस्या भंग हो जाती।

समय के साथ-साथ उनकी नादानियां बढ़ती चली गई। इस वजह से उनके माता-पिता के साथ-साथ जंगल में रहने वाले ऋषि-मुनि भी चिंतित थे। एक दिन उनके माता-पिता ऋषियों-मुनियों के आश्रम में गए और उनसे कहा की," हमें यह बालक कठोर तप के प्रभाव से प्राप्त हुआ है। आप उस पर कृपा करो।"

ऋषियों-मुनियों ने आपस में विचार-विम्रश करके यह निर्णय लिया कि अगर बालक हनुमान अपनी शक्तियों को भूल जाए तो उनकी नादानियों पर नियंत्रण लग सकता है और उनकी भलाई भी इसी में है।

अंगिरा और भृगुवंश के मुनियों ने हनुमान जी को श्राप दिया की,"आप अपने बल और तेज को सदा के लिए भूल जाएं लेकिन जब कोई आपको आपकी शक्तियां याद कराएगा तभी आप उसका उपयोग कर सकोगे।"

इस श्राप के कारण हनुमान जी का बल एवं तेज कम हो गया और वह शांत सुकुमार बन कर रहने लगे।
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Jyoti

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