आइए जानें, छप्पन भोग में आते हैं कौन-कौन से पकवान और व्यंजन

Monday, Apr 08, 2019 - 10:59 AM (IST)

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कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें हम अक्सर अपने जीवन में बोलते और सुनते रहते हैं, लेकिन कभी उनके बारे में गहराई से जानने की कोशिश नहीं करते। ऐसा ही एक जाना-पहचाना वाक्य है ‘छप्पन भोग’ जिसे प्राचीन काल से ही हमारे दादा-दादी, नाना-नानी और बड़े बुजुर्ग बोलचाल के दौरान प्रयोग करते हैं। स्वादिष्ट पकवानों और व्यंजनों की बात चलती है तो लोग अधिकतर छप्पन भोग खाने-खिलाने की बात करते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि छप्पन भोग केवल एक प्रचलित वाक्य ही नहीं है बल्कि हकीकत में भी छप्पन प्रकार के कुछ खास व्यंजन होते हैं और इन सभी को मिलाकर ही छप्पन भोग पूरे होते हैं।

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वास्तव में बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जो इन सभी छप्पन प्रकार के व्यंजनों के नाम से वाकिफ होंगे। तो चलिए हम आपको इनसे परिचित कराते हैं। हमारे शास्त्रों के मुताबिक छप्पन भोग इस प्रकार हैं : (1) भक्र्त (भात यानी चावल), (2) सूच (दाल), (3) प्रलेह (चटनी), (4) सादिका (कढ़ी), (5) दधि शाकजा (दही शाक की कढ़ी),  (6) सिखरिणी (सिखरन), (7) अवलेह (शरबत), (8) बालका (वाटी), (9) इक्षूखेरिणी (मुरब्बा),  (10) त्रिकोण शर्करायुक्त (तिकोने शक्करपारे), (11) बटक (बड़ा), (12) मधु शीपर्क (मठरी), (13) केणिका (फैनी), (14) परिष्टिश्च (पूरी), (15) शतपत्र (खजरा), (16) संघिद्रक (घेवर), (17) चकाम (मालपुआ), (18) चिल्डिका (चीला), (19) सुधा कुंडिलका (जलेबी), (20) धु्रतपुर (मेसू), (21) वायुपुर (रसगुल्ला), (22) पगैमा चंद्रकला (चंद्रकला), (23) दधि पदार्थ (मट्ठा, रायता), (24) स्थूली (थूली), (25) पूपिका (रबड़ी), (26) पर्पट (पापड़), (27) शक्तिका (शीरा), (28) लसिका (लस्सी), (29) सबूत (सूबत), (30) संघाय (मोहन), (31) कर्पूर नाड़ी (लोंगपुरी), (32) खंड मंडलम (खुरमा), (33) गोधूम (गेहूं का दलिया), (34) पारिखा (पारिखा), (35) सुफलहाघा (सौंफयुक्त), (36) दूधिरूप (विलासहन), (37) मोदक (लड्डू), (38) शाक (साग), (39) सौधान (अचार), (40) मंडका (माठे), (41) पायस (खीर), (42) दधि (दही), (43) गोघृत (गाय का घी), (44) हैयंगपीनम (मक्खन), (45) मंडूरी (मलाई), (46) सफला (सुपारी), (47) सिता (इलायची), (48) फल, (49) ताम्बूल (पान), (50) मोहन भोग, (51) लवन (नमकीन पदार्थ), (52) कषाय, (53) मधुर (मीठे पदार्थ), (54) तिक्त (तीखे पदार्थ), (55) कडु (कड़वे पदार्थ), (56) अमल (खट्टे पदार्थ)।

इस प्रकार से हम ये छप्पन भोग अपने देवों को अर्पित कर सकते हैं। 

Niyati Bhandari

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