160 वर्ष बाद leap year में अधिक मास, जानें क्या न करें

punjabkesari.in Monday, Sep 14, 2020 - 07:06 AM (IST)

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Why is Malmas important: ठीक 160 वर्ष बाद अर्थात, 2 सितंबर, 1860 के बाद अब 18 सितम्बर, 2020 को  लीप वर्ष में अधिक मास पड़ रहा है और ऐसा संयोग अब 2039 में फिर बनेगा। पितृपक्ष के अगले दिन से ही मलमास शुरू हो रहा है। इस बार दो आश्विन मास पड़ेंगे। इस समय चातुर्मास चल रहा है। चातुर्मास चार महीने का होता है, लेकिन इस बार मलमास के कारण यह पांच महीने का होगा। इसी कारण पितृपक्ष के ठीक बाद नवरात्रि नहीं आ रही है। मलमास के बाद नवरात्रि शुरू होगी।

PunjabKesari What To Do Or Not To During malmas
19 वर्ष बाद दो आश्विन मास पड़ रहे हैं। अधिक मास के कारण ही आश्विन मास दो बार होगा। आश्विन में अधिक मास 18 सितम्बर से शुरू होकर 16 अक्तूबर तक चलेगा। नवरात्रि 17 अक्तूबर से शुरू, 26 अक्तूबर को दशहरा और 14 नवंबर को दीपावली होगी। 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास समाप्त हो जाएगा।

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What To Do Or Not To During malmas: अनुमति और निषेध
विवाह की बातचीत, विवाह की मौखिक सहमति, पहले से शुरू कार्यों का समापन, प्रापर्टी की रजिस्ट्री, वाहन बुकिंग, बयाना, सरकारी कार्य, पढ़ाई, शिक्षा का एडमिशन, नार्मल रुटीन, दैनिक व्यवस्था के कार्य आदि। कोई भी नई वस्तुएं जैसे घर, कार इत्यादि न खरीदें। गृह निर्माण कार्य शुरू न करें और न ही उससे संबंधित कोई सामान खरीदें। कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, सगाई मुंडन व नए कार्य प्रारंभ नहीं करने चाहिएं।

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खर (मल) मास को भगवान पुरुषोत्तम ने अपना नाम दिया है। इसलिए इस मास को पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। खर मास, यानी खराब महीना, वह महीना जब हर प्रकार के शुभ काम बंद हो जाते हैं। कोई नया काम शुरू नहीं किया जाता।

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Niyati Bhandari

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