Kundli Tv- इस काली चीज़ का शनिदेव से क्या है Relation

Friday, Aug 17, 2018 - 12:20 PM (IST)

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शनि नौ ग्रहों में से मुख्य ग्रह हैं। जिन लोगों पर साढ़ेसाती, ढैय्या, दशा-महादशा अथवा अंतरदशा चल रही है या वे शनिदेव के कोप से पीड़ित हैं, उनके लिए काजल को लगाने और दान करने का महत्व बढ़ जाता है। शनि के कुपित होने से वात, कफ रोग, कैंसर जैसे रोग होने लगते हैं। इन समस्याओं को कम करने के लिए काजल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शनिदेव की कृपा किसी जातक पर हो जाए तो उसे विजय, धन, काम सुख और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।

शनिवार शनिदेव का प्रिय दिन है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करके आप अपनी बंद किस्मत का ताला खोल सकते हैं और जीवन में पनप रही सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैं? ज्योतिष के अनुसार शनि चलते तो मंद गति से हैं परंतु ये मंद गति राजा को रंक बना देती है और रंक को राजा। काजल आंखों का श्रृंगार है। इससे आंखों की सुंदरता तो बढ़ती ही है साथ ही काजल बुरी नजर से भी बचाता है। इसे भी धर्म ग्रंथों में सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। शनिवार के दिन शनि कृपा पाने का सरलतम माध्यम है काजल।

शनिवार को आंखों में काजल जरूर लगाएं और मस्तक पर काली बिंदी।

बुरी नजर से बचने के लिए कान के पीछे भी काली बिंदी लगाएं। 

चावल के दानों पर काजल लगाकर शनिदेव के चित्र पर चढ़ाएं।

शनि देव के चित्र पर चढ़े काजल से मस्तक पर तिलक करें।

कागज़ पर काजल से “शनिदेव सहाय” लिखकर पर्स में रखें, इससे आपको कभी भी पैसे की कमी नहीं होगी।

अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें। हर तरह की नेगेटिव एनर्जी खत्म होगी।
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Niyati Bhandari

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