नवरात्रि में नारंगी सिंदूर के इस्तेमाल का क्या है महत्व ?

Thursday, Apr 11, 2019 - 11:48 AM (IST)

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चैत्र नवरात्रि में नवदुर्गा की उपासना का बहुत महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दौरान नवदुर्गा की पूजा यानि मां दुर्गा के साथ-साथ उनके नौ रूपों की आराधना करने से जातक के जीवन की हर समस्या का खुद ही समाधान निकल जाता है। ज्योतिष के अनुसार इनकी पूजा में विभिन्न प्रकारी की सामग्री का उपयोग होता है। लेकिन बहुत कम लोग होंगे जिन्हें ये पता होगा कि इनकी पूजा में सिंदूर का सबसे अधिक महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंदूर के इस प्रयोग के पीछे की असल वजह ये है कि इससे माता अधिक प्रसन्न होती हैं। यही कारण है कि नवरात्रि के नौ दिनों में ज्यादातर घरों में लोग सिंदूर के प्रयोग करेक देवी दुर्गा को प्रसन्न करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि हम लाल सिंदूर की बात कर रहे हैं लेकिन बता दें कि हम लाल सिंदूर की नहीं बल्कि नारंगी सिंदूर की बात कर रहे हैं।

हम जानते हैं आप में से बहुत कम लोग होंगे जिन्हें इस बारे में पता होगा तो चलिए हम देते हैं इससे जुड़ी जानकारी कि आख़िर क्यों नवरात्रि में नारंगी सिंदूर का प्रयोग क्यों किया जाता है? साथ ही जानेंगे इसका प्रयोग किस प्रकार किया जाता है और इसके क्या-क्या लाभ बताए हैं?

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज़ से परेशान हो तो पीपल के पत्ते में सिंदूर डालकर उसमें चमेली का तेल मिलाकर और पीपल के पत्ते के चिकने वाले हिस्से पर सिंदूर से राम लिखकर उसे हनुमान जी के चरणों में चढ़ाएं।

जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में किसी तरह की दिक्कत आ रही हो तो नवरात्रि में किसी भी दिन एक पान का पत्ता लेकर उसके चिकने हिस्से पर सिंदूर से ह्रीं लिखकर मां दुर्गा को अर्पित करें।

इसके अलावा अगर किसी की ग्रह दशा खराब हो तो ऐसे में मंगलवार के दिन चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी के चरणों में सिंदूर लगाएं। बाद में इसी सिंदूर को किसी को दान कर दें।

बता दें कि जिसके साथ संबंध ठीक न हो या उसे आप न जानते हो उसे सिंदूर नहीं देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अनजान लोगों को नवरात्रि के दौरान सिंदूर देने से व्यक्ति की किस्मत भी उस सिंदूर के साथ चला जाता है।

ज्योतिष के अनुसार इन्हीं सब कारणों से नवरात्रि में सिंदूर का प्रयोग किया जाता है।
 

Jyoti

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