हिंदू धर्म में बताया है सुगंध और मस्तिष्क का CONNECTION

Tuesday, Jun 18, 2019 - 05:51 PM (IST)

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हिंदू धर्म के ग्रंथों में ऐसी बहुत सी चीज़ों के बारे में बताया गया है जिनका सीधा-सीधा कनेक्शन हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे दिल-दिमाग पर भी पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि सुगंध का हमारे मस्तिष्क से क्या है संबंध होता है। साथ ही जानेंगे इनस जुड़ी कुछ और रोचक बातें।

अगर बात करे हिंदू धर्म की तो इसमें सुगंध का बहुत महत्व बताया गया है। कहा जाता है सात्विक अन्न से शरीर पुष्ट होता है तो सुगंध से शरीर सूक्ष्म। यह शरीर पंच कोष वाला है। माना जाता है जिस व्यक्ति के जीवन में सुगंध नहीं होती उसके जीवन में शांति भी नहीं होती और ज़ाहिर सी बात है शांति नहीं तो सुख और समृद्धि भी नहीं। इसके अलावा कहा जाता है कि सुगंध से आपना मस्तिष्क बदलता है, सोच बदलती और सोच से कोई भी व्यक्ति अपना भविष्य बदल सकता है।

सनातन धर्म के अनुसार सुगन्धित वातावरण से सभी नकारात्मकता दूर होती है और सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। कहते हैं सुगंध इंसान के विचार की क्षमता पर भी असर डालती है। इसमें किसी की भी भावनाओं को बदलने की क्षमता होती है। प्राचीनकाल के लोग सुगंध के चमत्कारों से परिचित थे तभी वे घर और मंदिर आदि जगहों पर सुगंध का विस्तार करते थे।

हिंदू धर्म में किए जाने वाले यज्ञ आदि करने से सुगंधित वातावरण निर्मित होता है। अगर इसका सही प्रयोग किया जाए तो से इससे एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है। इतना ही नहीं सुगंध से स्नायु तंत्र और डिप्रेशन जैसी बीमारियों तक को दूर किया जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार मनुष्य का मन शरीर के चक्रों से चलता है। इन चक्रों पर रंग, सुगंध और शब्द (मंत्र) का गहरा असर होता है। माना जाता है अगर मन की अलग-अलग अवस्थाओं के हिसाब से सुगंध का प्रयोग किया जाए तो तमाम तरह की मानसिक और समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

Jyoti

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