Astrology: जिंदगी में धन की वर्षा करता है ये योग, रातोंरात बना देता है राजा

Monday, Dec 07, 2020 - 06:35 AM (IST)

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Gaj Kesari Yoga in Kundli: ज्योतिष शास्त्र में बहुत सारे योग और ग्रहों के ऐसे कंबीनेशन होते हैं, जो हमारे जीवन की दशा और दिशा तय करते हैं। कुछ लोग हमें जीवन में बुलंदियों तक ले जाते हैं तो कुछ हमारी जिंदगी को संघर्षपूर्ण भी बना देते हैं। जब दो ग्रह जन्म कुंडली के किसी भी भाव में एक साथ बैठते हैं तो ज्योतिष का कोई न कोई योग बनाते हैं जो शुभ भी होता है और अशुभ भी।  कुंडली मे यदि शुभ ग्रहों की युति हो तो शुभ योग का निर्माण होता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति का जीवन सुखों से भर जाता है लेकिन यदि अशुभ ग्रहों के कारण योग बन रहा है तो व्यक्ति का जीवन संघर्ष और समस्याओं से भरपूर हो जाता है।


What are the benefits of gaja kesari yoga in astrology: जब चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ बैठते हैं तो गजकेसरी योग बनता है, जो बहुत शुभ होता है। इस योग के कुंडली में बनने से व्यक्ति को जीवन में ऊंचाइयां मिलती हैं। समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है। जीवन में सुख-सुविधाओं की बरसात होती है। धन की कोई कमी नहीं रहती। ऐसे व्यक्ति ऐशो आराम की जिंदगी जीते हैं। जीवन में सभी तरह की भौतिक वस्तुओं का सुख प्राप्त करते हैं। वहीं सरकारी सेवाओं में इन्हें उच्च पद की प्राप्ति भी हो सकती है।

What does Gaja Kesari Yoga mean in Astrology: ऋषि पराशर के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग होता है, वह व्यक्ति कुशल, राजसी सुखों को भोगने वाला, उच्च पद प्राप्त करने वाला, वाद-विवाद व भाषण कला में निपुण होता है। बहुत बार ऐसे व्यक्ति धार्मिक प्रवृत्ति के भी होते हैं और अध्यात्म की तरफ भी उनकी रुचि रहती है। जनकल्याण कार्यों में भी वे समर्पित रहते हैं। ऐसे जातकों के मन में धार्मिक ग्रंथों के प्रति गहरी रुचि रहती है और इनका धार्मिक ज्ञान अच्छा होने की वजह से लोग इनसे मार्गदर्शन लेते हैं।


Gajakesari Yoga Meaning: गज केसरी योग में गज का अर्थ है - हाथी व केसरी का अर्थ स्वर्ण (GOLD) या सिंह से लगाया जाता है। कुण्डली में गजकेसरी योग होने पर गज के समान शक्ति व धन दौलत प्राप्त होती है। अगर कुंडली में चंद्रमा और बृहस्पति इकट्ठे बैठे हैं लेकिन इनमें से कोई एक ग्रह अगर अशुभ स्थिति या नीच अवस्था में है तो गजकेसरी योग का पूरा फल नहीं मिल पाता।


Effects of Gajakesari Yoga: किसी भी जातक की जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। इन सभी भावों को गजकेसरी योग बनने का अलग-अलग असर देखने को मिलता है और अलग- अलग फल मिलते हैं। सभी 12 भावों में गजकेसरी योग बनने के फलों के बारे में जानें-


How people get benefits of Gajakesari Yoga: अगर कुंडली के पहले भाव में यानि लग्न में यह योग बनता है तो ऐसा व्यक्ति कोई नेता या अभिनेता होता है। ऐसे जातक को देखने के लिए जनता उतावली हो जाती है। उसका रहन-सहन राजाओं जैसा होता है। यह योग उस व्यक्ति को गलत रास्ते पर भी जाने से रोकता है। ऐसा व्यक्ति ईश्वर को मानने वाला होता है।

अगर यह योग कुंडली के दूसरे भाव यानी धन भाव में बने तो ऐसा व्यक्ति उच्च घराने में जन्म लेता है, वाणी का धनी होता है, धन सम्पदा की कमी नहीं रहती। ऐसे जातक की बात को गौर से सुना जाता है। ऐसे जातक कथा वाचक और बड़े-बड़े साधू-संत भी देखे गए हैं।

अगर गजकेसरी योग कुंडली के तीसरे यानी पराक्रम व भाई-बहन के भाव में बने तो भाई-बहन को भी उच्च पद पर ले जाता है। जातक बहुत पराक्रमी और मान-सम्मान वाला होता है।

गजकेसरी योग अगर कुंडली में चौथे यानी सुख-सम्पति व माता स्थान में योग बनाए तो मां से अत्यंत प्यार और लाभ मिलता है। भूमि और वाहन का उच्च सुख प्रदान होता है। रहने के लिए अच्छा निवास स्थान होता है।

पंचम भाव जिसे पुत्र या बुद्धि भाव भी कहा जाता है में यह योग बने तो बुद्धि के बल पर धन कमाने का संकेत होता है। जातक बुद्धिमान होता है। ऐसा जातक अच्छा स्कूल टीचर, वैज्ञानिक, नए-नए अविष्कार करने वाला होता है। ऐसा जातक उच्च कोटि का लेखक भी बन सकता है। ऐसे जातक को पूर्ण संतान का सुख मिलता है, संतान के उच्च पद पर आसीन होने के योग भी बनते हैं।

कुंडली के छठे भाव जिसे शत्रु या रोग भाव भी कहा जाता है में यह योग कुछ कमजोर पड़ जाता है। छठे भाव में गुरु शत्रुहंता होता है। शत्रु दब कर रहते हैं। साथ में चंद्रमा मन और माता के लिए ठीक नहीं होता। उनका स्वास्थ्य बिगड़ा सा रहता है।

कुंडली के सप्तम भाव जिसे मैरिड लाइफ हाउस भी कहा जाता है में अगर यह योग बनता है तो ऐसे व्यक्ति का लाइफ पार्टनर उच्च पद पर आसीन होता है। व्यक्ति की उच्च घराने में शादी होती है। जीवनसाथी उच्च विचारों वाला होता है।

अष्टम भाव यानी आयु भाव में यह गजकेसरी योग भी कमजोर पड़ जाता है। यह योग जातक को गुप्त विद्या में ले जाता है। इस योग में बड़े-बड़े तांत्रिक और साधू-संत देखे जाते हैं। यह योग कई बार अचानक धन भी दिलवा देता है। यह योग गुप्त धन की प्राप्ति जरूर देता है।

नवम भाव यानी भाग्य स्थान में गजकेसरी योग जातक को कर्म से ज्यादा भाग्य के द्वारा मिल जाता है। नवम भाव धर्म और भाग्य का माना गया है। ऐसा जातक बहुत भाग्यशाली होता है और भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखता है।

दशम यानी कर्म या पिता भाव में बनने वाला गजकेसरी योग पिता को उच्च पद पर ले जाता है। जातक को भी उच्च पद प्राप्त होता है। जातक भाग्य से ज्यादा कर्म को महत्व देता है, समाज में मान-सम्मान दिलवाता है।

ग्यारहवें भाव जिसे इनकम स्थान भी कहा जाता है में बनने वाला गजकेसरी योग आय के एक से अधिक स्रोत बना देता है। ऐसे व्यक्ति को कई प्रकार से इनकम आती है। कम मेहनत मे ज्यादा पैसा मिलता है। ऐसा व्यक्ति घर बैठे पैसा कमाता है।

कुंडली के बारहवें भाव, जिसे खर्च स्थान भी कहा जाता है में गजकेसरी योग कुछ कमजोर पड़ जाता है। जातक धर्म-कर्म पर पैसा खर्च करने वाला घर से दूर सफलता का सूचक होता है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

Niyati Bhandari

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