4 मई को मंगल का होगा मकर में प्रवेश, क्या होगा कोरोना का भविष्य

Tuesday, Apr 21, 2020 - 04:16 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
24 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन बढ़ते-बढ़ते अब 03 मई तक पहुंच चुका है। पी एम मोदी द्वारा भारत वासियों की सुरक्षा के मद्देनज़र इसे बढ़ाया गया है। बता दें जब से दुनिया के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में कोरोना की एंट्री हुई है तब से लॉकडाउन की अवधि बढ़ती जा रही है अगर इस लॉकडाउन को ज्योतिष की नज़र से देखें तो पहले 14 अप्रैल तक को लेकर ये कहा जा रहा है कि चूंकि 13 अप्रैल को मेष संक्रांति यानि मेष राशि परिवर्तन कर रहे हैं तजिसे लेकर माना जा रहा था कि इसके बाद इस बीमारी का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगेगा। ठीक इसी तरह अब 04 मई को लेकर भी ज्योतिषियों की अपनी अलग अलग भविष्यवाणियां आ रही हैं। आइए जानते हैं क्या कहती ज्योतिष विद्या-

ज्योतिष जानकारों का कहना है कि इस दिन के ग्रह स्थितियों को जानेंगे तो चौंक जाएंगे। जाने माने ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि विनाश और संघर्ष के कारक कहे जाने वाले मंगल ग्रह ने 22 मार्च तो शनि की राशि मकर में प्रवेश किया था। जिससे मंगल का प्रभाव बढ़ गया। बता दें इसी दिन संपूर्ण भारत में जनता कर्फ्यू लगाया गया था। जिसके बाद 24 मार्च से पूरे भारत देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया जिसकी अवधि धीरे धीरे करके अब 04 मई तक पहुंच चुकी है। ऐसा बताया जा रहा है कि इसी दिन मंगल शनि से निकल मकर में प्रवेश करने वाले हैं। जिसके बाद हालात सुधरते दिखाई देंगे। क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों जो पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है, उसमें मंगल और शनि का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसा माना जा रहा है शनि मंगल के योग के समाप्त होते ही दुनिया भर में फैला कोरोना का कहर ढलने लगेगा यानि धीरे धीरे इसमें कमी आने लगेगी।

4 मई से तालाबंदी में मिलेगी ढील-
ग्रहों की चाल को देखकर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि है 4 मई को मंगल के मकर राशि से निकलते ही देश के कई हिस्सों की तालाबंदी में ढील देखने को मिलेगी। जिससे व्यवसायों के लिए कई प्रकार की छूट व आम जीवन में भी सुधार का आरंभ होगा। साथ ही साथ इससे देश में कोरोना का प्रभाव भी कम होता दिखेगा।

बृहस्पति देगा उच्चतम फल-
11 मई को शनि और 14 मई को बृहस्पति प्रतिगामी (वक्री) हो होंगे। ऐसा कहा जाता है कि जब भी कोई ग्रह अपनी नीच राशि में होकर प्रतिगामी होता है तो वह उच्चतम फल देता है। ऐसे में बृहस्पति का प्रतिगमन निश्चित रूप से मौज़ूदा स्थिति में तनाव कम करेगा।

बृहस्पति फल देने में सक्षम
वहीं सूर्य 13 अप्रैल से अपनी उच्च राशि राशि मेष में विराजमान हो चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि 4 मई से मंगल के मकर से निकल जाने से बृहस्पति अपनी पूर्ण शक्ति से फल देने में सक्षम हो जाएंगे और धीरे-धीरे अपने सुधारात्मक प्रभाव से लोगों के जीवन में उन्नति को सुनिश्चित करेंगे।

Jyoti

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