Home Sutra: अपना जीवन चमकाएं ‘चांदी’ से

Thursday, Dec 23, 2021 - 10:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ways to boost positive energy in your home: भूमि एवं दिशाओं के सहयोग से उत्पन्न गुण और दोषों को जानने के शास्त्र को व्यवहार में ‘वास्तु शास्त्र’ कहते हैं। यह अति प्राचीन शास्त्र है। हर धर्म में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। सभी धर्मों के प्रवक्ताओं ने मानव कल्याण के लिए शास्त्रों का सृजन किया। भूमि के कई नाम है शास्त्रों में ऐसा उल्लेख आता है। वेणु के पुत्र पृथु के नाम से इसका नाम पृथ्वी पड़ा। इसे रत्नगर्भा, धात्री, धरा, धरिनी, अनंता, वसुंधरा, बसुधा, बसुमति, विपुला, क्षमा, क्षिति माता इत्यादि नामों से जाना जाता है। पृथ्वी के आंचल में मां की ममता है।


माता भूमि: पुत्रो अहं पृथ्तिवा। अवे (12.1.92)

What are the uses of silver: पृथ्वी ने अपने अंदर अनमोल खजानों का भंडार छिपा रखा है। सोना, चांदी, हीरा, लोहा इत्यादि खनिज पदार्थ पृथ्वी से ही प्राप्त होते हैं। जल एवं ईंधन भी पृथ्वी ही देती है। कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो हमें नहीं प्रदान की हो। जैसे बच्चे को मां हर सुविधा प्रदान करने का प्रयास करती है।

Vastu Tips On How Silver Can Bring Peace At Home: पुरुषार्थ आपको करना है। कोई भी चीज पाना असंभव नहीं है। वास्तु शास्त्र में चांदी का एक विशेष स्थान माना गया है। मानव को चंगा रखे चांदी, आजकल आपकी चांदी है इत्यादि मुहावरे अनादिकाल से प्रचलित हैं। मैडीकल साइंस ने भी चांदी के बारे में काफी कुछ बताया है।


What are the benefits of silver: ‘जैम्स रे थैरेपी’ में बताया गया है कि शरीर में चांदी के आभूषण पहनने से चांदी का अंगों के साथ स्पर्श होने से मानव के नर्वस सिस्टम में आराम मिलता है। चांदी के उपयोग से डिप्रैशन नर्वसनैस नहीं आती। शरीर में उत्पन्न होने वाले जहरीले तत्वों का नाश करती है। हैपेटाइटिस जैसे रोगों को भी ठीक करने में मददगार होती है। चांदी से मानसिक रोग में भी फायदा होता है। चांदी में आपके भावों को वश में रखने की शक्ति है। चांद की ऊर्जाएं सागर की लहरों के उतार-चढ़ाव को काबू में रखने की क्षमता रखती है इसलिए चांदी पहनने वाले के मन के उतार-चढ़ाव में सुकून भरा स्पर्श प्रदान करती है। विद्वानों ने चांदी को ‘मिरर ऑफ सोल’ (आत्मा का आईना) कहा है। कुछ शब्दों में आप इसे कह सकते हैं चांदी का स्पर्श आपको अपने अंदर झांकने का मौका देता है। चांदी  धातु अच्छी ‘कंट्रोलर की’ है। धारणकर्ता स्वयं पर कंट्रोल करने लगता है। स्वयं का शिक्षक बन जाता है।


What is the positive charge of silver: चांदी सब्र और धैर्य का भी इजाफा करती है। चांदी ऊर्जावान धातु है। शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को निकाल कर सकारात्मक ऊर्जाओं का सृजन करती हैं। चांदी के गहने पहनकर चंद्रमा की चांदनी में घूमने के अनगिनत फायदे हैं। चांदी बिना मांगे स्नेह, ममता, प्यार आप तक पहुंचा देती है। चांदी गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी में मधुरता लाती है। संत महात्मा भी चांदी के पात्र में भोजन करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं। चांदी को सिल्वर हीलिंग मैटल भी कहा गया है। चांदी चंद्रदेव की शुद्ध धातु मानी गई है।



Silver Items at Home: प्राचीन समय में मकानों की खुदाई मे सिक्कों से भरे हुए चांदी के कलश मिलते हैं। जब भी भवन का निर्माण होता था भूखंड के मध्य में (ब्रह्म स्थान) सांसारिक जीव अपनी सामर्थ अनुसार  1, 3, 5, 7 कलश विराजमान करते थे।  ॐ वास्तु पुरुषाय नम: बोलकर विराजमान किया जाता था। कलश विराजमान करने का उद्देश्य भूखंड की नकारात्मक ऊर्जाओं को चांदी रिफाइंड कर देती है। नकारात्मक ऊर्जाओं का वेग कम कर देती है या समाप्त कर देती है।

What is the conductivity of silver: प्राचीन समय में खाना चांदी के बर्तन में खाने का प्रचलन था। यह प्रचलन नहीं एक विज्ञान है चांदी के पात्र में भोजन ऊर्जावान बन जाता है। चांदी का उपयोग करने वाले की हमेशा चांदी होती है, ऐसा नीतिकारों का वचन है।

 

 

Niyati Bhandari

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