Western Rajasthan: लोक संस्कृति और पर्यटन का स्वर्णिम संसार पश्चिमी राजस्थान, आइए डालें एक झलक

punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Western Rajasthan: भारत के मानचित्र में यदि रंग-बिरंगे लोकजीवन, समृद्ध परम्पराओं और मरुस्थलीय सौंदर्य का कोई प्रतीक तलाशा जाए, तो पश्चिमी राजस्थान नि:संदेह उस चित्र को सजीव करता है। जैसलमेर की सुनहरी रेत से लेकर बीकानेर की कलात्मक हवेलियों तक, जोधपुर के नीले शहर से लेकर बाड़मेर की लोकधुनों तक यह इलाका केवल भूगोल नहीं, बल्कि जीवंत संस्कृति और अपार पर्यटन संभावनाओं का केंद्र है।

सदियों से विदेशी सैलानियों और देशी यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा यह सीमावर्ती क्षेत्र अब सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। जहां सुरक्षा है, सजगता है, लोकजीवन की सच्ची छवि है और एक ऐसा अनुभव है, जो किसी भी पर्यटक के हृदय में राजस्थान की अमिट छाप छोड़ जाता है।

Western Rajasthan
संस्कृति और सौंदर्य का संगम-सीमावर्ती जिले पर्यटन की धुरी
पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक दलीप सिंह राठौड़ बताते हैं कि पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख जिले जैसे जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर राज्य की सांस्कृतिक पहचान और पर्यटन की आत्मा हैं।

जोधपुर जिले के सालावास, चौपासनी और फलौदी, बाड़मेर के बरनवा जागीर, पाटौदी और शिव, जैसलमेर के जारना, बारना और पोखरण तथा बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्र ये सभी स्थान मिलकर इस क्षेत्र को राजस्थान के सांस्कृतिक पर्यटन का कोहिनूर बना देते हैं।

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक सम्पन्नता और पर्यटन ढांचा, राज्य की वैश्विक पहचान को मजबूती प्रदान करता है।

Western Rajasthan
आंकड़ों में पश्चिमी राजस्थान की लोकप्रियता
वर्ष 2024 में इन चार जिलों में देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी आमद रही :
जोधपुर (ग्रामीण) :  4,76,150 देशी व 3,545 विदेशी पर्यटक
जोधपुर (शहर) :  25,06,560 देशी व 2,03,945 विदेशी पर्यटक
जैसलमेर : 2,24,16,810 देशी व 1,61,884 विदेशी पर्यटक
बाड़मेर :  34,65,028 देशी व 249 विदेशी पर्यटक
बीकानेर : 63,54,899 देशी व 71,079 विदेशी पर्यटक।

ये आंकड़े इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं को दर्शाते हैं और बताते हैं कि यह क्षेत्र न केवल लोकप्रिय है, बल्कि देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए अत्यंत आकर्षक भी हैं।

Western Rajasthan
सुरक्षा और सजगता है सीमावर्ती पर्यटन की अनूठी विशेषता
राठौड़ बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए जिस सुरक्षा और भरोसे की जरूरत होती है, वह राजस्थान में उपलब्ध है।
हाल में विषम परिस्थितियों में देश में एक समय आई.पी.एल. जैसे आयोजन भी स्थगित हुए थे, लेकिन जैसे ही हालात सुधरे, राजस्थान को 3 आई.पी.एल. मैचों की मेजबानी दी गई। यह इस बात का प्रमाण है कि राज्य पर्यटकों के लिए न केवल आकर्षक, बल्कि सुरक्षित भी है।

इसके अतिरिक्त, सीमावर्ती होने के कारण यहां की आम जनता, स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल और सशस्त्र बलों में भी एक विशेष सजगता और जिम्मेदारी की भावना देखने को मिलती है। यह सजगता पर्यटकों के प्रति उनके व्यवहार और सेवा में भी झलकती है।
रेत, रंग और राग यहां की सांस्कृतिक आत्मा थार रेगिस्तान का यह इलाका लंगा, मांगणियार और मीर जैसे पारंपरिक लोकगायक समुदायों का घर है।

उनकी सुर-लहरियां, कालबेलिया नृत्य, कठपुतली कला, दरी बुनाई, मिट्टी के बर्तनों का निर्माण, एप्लिक कार्य, चमड़े की कारीगरी, उस्ता कला और मिनिएचर पेंटिंग—इन सबका संगम इस क्षेत्र को जीवंत सांस्कृतिक संग्रहालय बनाता है।

कालबेलिया लोकनृत्य, जिसे यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया है, यहां की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा है।

Western Rajasthan
राज्य सरकार की पहल-सांस्कृतिक पर्यटन को मिले नई पहचान
राजस्थान सरकार ने पश्चिमी राजस्थान में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु यूनेस्को के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस पहल के तहत जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों में 10 ग्रामीण पर्यटन स्थलों को विशेष रूप से विकसित किया जा रहा है।

इस योजना में 1500 पारम्परिक कलाकारों को जोड़ा गया है। उनका संगीत, शिल्प और कला ये सब इस सीमावर्ती पर्यटन के स्तम्भ हैं। इससे एक ओर स्थानीय कारीगरों को आजीविका मिलेगी, वहीं दूसरी ओर पर्यटक भी राजस्थान की असली आत्मा से परिचित हो सकेंगे।

Western Rajasthan
38 मेले, 38 अवसर- हर मौसम में महकता राजस्थान  
राजस्थान सरकार वर्ष भर में करीब 38 पारम्परिक मेलों और त्यौहारों का आयोजन करती है, जिनमें पशु मेले, संगीत और नृत्य महोत्सव, हैरिटेज वॉक और खान-पान महोत्सव शामिल हैं। इन आयोजनों का सबसे बड़ा प्रभाव यह है कि ये न केवल संस्कृति का संरक्षण करते हैं, बल्कि पर्यटकों को भी अप्रतिम अनुभव प्रदान करते हैं।

Western Rajasthan
सीमाओं से आगे बढ़ती विरासत  
पश्चिमी राजस्थान केवल सीमाओं का प्रहरी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का वाहक है। यहां की मिट्टी में संगीत है, हवाओं में रंग है और जनजीवन में वह गर्मजोशी है, जो हर सैलानी को अपना बना लेती है।

राज्य सरकार की योजनाएं, स्थानीय समुदाय की सजग भागीदारी, पारम्परिक कलाकारों की जीवंतता और वैश्विक मंचों से जुड़ाव, इन सभी प्रयासों ने इस क्षेत्र को पर्यटन के नक्शे पर एक चमकते सितारे की तरह स्थापित कर दिया है।

Western Rajasthan


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News