Weekly Rashifal: जानिए, किन राशि वालों पर शनि की ढैय्या दिखाएगी अपना असर

Sunday, May 10, 2020 - 05:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज ज्येेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि संकष्टी चतुर्थी से अगला सप्ताह शुरू हो गया है। गणेश जी के खास पर्व की पूजा के साथ आरंभ हुए इस माह में यूं तो अधिक त्यौहार नहीं आएंगे। मगर ज्येष्ठ माह के कृष्ण अष्टमी 14 मई को कालाष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। बताया जाता है हिंदू धर्म में कालाष्टमी का त्यौहार काफ़ी महत्व रखता है। पंचांग के अनुसार मई 14 को 06:51 बजे को प्रारंभ होकर मई 15 को 08:21 बजे को समाप्त होगी। इसके अलावा अपना साप्ताहिक राशिफल जानने के लिए यहां क्लिक करें।

शास्त्रों में बताया गया है कालाष्टमी को काला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। बता दें हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है। कालभैरव के भक्त साल की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं।

सबसे मुख्य कालाष्टमी जिसे कालभैरव जयंती के नाम से जाना जाता है, उत्तरी भारतीय पूर्णिमान्त पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में पड़ती है जबकि दक्षिणी भारतीय अमान्त पंचांग के अनुसार कार्तिक के महीने पड़ती है। हालांकि दोनों पंचांग में कालभैरव जयन्ती एक ही दिन देखी जाती है। यह माना जाता है कि उसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। कालभैरव जयन्ती को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।

इसके अलावा कालाष्टमी के दिन व काल भैरव जयंती के दिन कई प्रकार के ज्योतिष उपाय आदि किए जाते जिसके परिमाण स्वरूप सभी तरह की नाकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है। 

तो वहीं राहू की दशा को सुधराने के लिए सात अनाज, उड़द, नारियल, चाकू, कम्बल, बिल्व पत्र, कस्तूरी, तिल, खिचड़ी, अष्टधातु-मुद्रिका, दक्षिणा का दान देना चाहिए। राहू का रत्न राहू जनित दोष निवारण के लिए गोमेद पंचधातु या चांदी में कनिष्ठा उंगली में धारण करें।

Jyoti

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