इस सप्ताह में पड़ेगा ज्येष्ठ माग का दूसरा बड़ा मंगलवार, इन राशियों वालों की होगी पौ बारह

Monday, May 18, 2020 - 05:54 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह का अधिक महत्व है। इन्हीं में से एक ज्येष्ठ माह होता है। कहा जाता है इस माह का महत्व पवनपुत्र हनुमान जी के कारण अधिक बढ़ता है क्योंकि इस महीने में बड़े मंगलवार आते हैं, जिस दौरान बजरंगबली जी की पूजा करना अति लाभदायक माना जाता है। बता दें इस सप्ताह में मुख्य त्यौहार है अपरा एकादशी व्रत, भद्रकाली एकादशी, मेला भद्रकाली एकादशी (कपूरथला), मेला शाढ़ी जातर (नगर, हि.प्र. प्रारंभ, पशु मेला (हमीरपुर, हि.प्र.), प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि व्रत, ज्येष्ठ अमावस, भावुका अमावस, शनैश्वर जयंती, वट सावित्री ब्रत, अमावस पक्ष) राष्ट्रीय शक ज्येष्ठ मासांरभ, जमातुल विदा (मुस्लिम) मेला, शीतला देवी (सुंदरनगर हि.प्र.) प्रारंभ, ज्येष्ठ शुक्ल पक्षारंभ, श्री गंगा स्नान प्रारंभ, करवीर ब्रत (सूर्य पूजा)। इसके अलावा अपना साप्ताहिक राशिफल जानने के लिए यहां क्ल्कि करें। 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्येष्ठ मास में बजरंगबली से जुड़े किए गए उपाय लाभ प्राप्त होते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि असल में श्री राम और हनुमान जी की पहली भेंट ज्येष्ठ के महीने में ही हुई थी। जिस कारण इसका शास्त्रों अधिक महत्व है। यही कारण है इस माह के प्रत्येक मंगलवार की महिमा अपंरपार मानी जाती है। यहां तक कि इस दिन किए गए उपायों से कुंडली में मौज़ूद ग्रह तक अपना दुष्प्रभाव छोड़ना बंद कर देते हैं खास तौर पर अगर बात मंगल ग्रह की हो तो। इस संदर्भ में कहा जाता है कि कुंडली में मंगल मारक, नीच या अस्त जैसा भी बुरा प्रभाव दे रहा हो तो केवल एक महीने तक आगे बताए जाने वाले उपायों को कर लेने से कठिन से कठिव समस्या का समाधान हो जाता है।  आगे जानें ज्येष्ठ माह के हर मंगलवार को किेए जाने वाले उन उपायों के बारे में जो लाभ दिला सकते हैं। 


सूर्योदय से पहले स्नान कर हनुमान जी के मंदिर जाकर उन्हें तुलसी के पत्तों की माला पहनाएं, हलवा-पूरी या किसी भी अन्य मिष्ठान का भोग लगाएं। तथा उनके समक्ष बैठकर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और श्री सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए। 


अपनी क्षमता के अनुसार इस दिन जल, मीठा शर्बत, कच्ची लस्सी आदि का दान करना भी लाभदायक होता है। बता दें पानी वाले फल जैसे खरबूजा, तरबूज, खीरे आदि का दान भी किया जा सकता है।


तो वहीं शनि के कोप से मुक्ति पाने के लिए ज्येष्ठ माह के मंगलवार की रात तुलसी, पीपल, हनुमान और शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

Jyoti

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