मंगलसूत्र पहनते समय न करें ये भूल

Saturday, May 12, 2018 - 11:30 AM (IST)

हर विवाहिता स्त्री के लिए उसका मंगलसूत्र बहुत मायने रखता है। इसे विवाह और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे श्रद्धापूर्वक गले में धारण करती हैं। हिंदू धर्म के साथ-साथ ज्योतिष में भी मंगलसूत्र को अति शुभकारक व मंगलकारक माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो प्रत्येक स्त्री को मंगलसूत्र पहनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा उनके सिर से उनके का सुहाग का साया हमेशा के लिए उठ भी सकता है। तो आईए जानते हैं इससे संबंधित कुछ बातों के बारें में

विवाह के समय पति स्त्री के गले में मंगलसूत्र पहनाता है, तब से स्त्री का मंगलसूत्र को उतारना वर्जित माना जाता है। परंतु किसी स्थितिवश मंगलसूत्र उतारना पड़े तो अपने गले में काला धागा अवश्य बांध कर रखे। 

किसी भी स्त्री को किसी अन्य स्त्री का मंगलसूत्र धारण नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से उस स्त्री के पति की आयु कम होती है और पति-पत्नी के बीच तनाव की स्थितियां बनने लगती हैं।

जिस प्रकार एक सुहागन स्त्री के जीवन में सिंदूर व बिछिया का महत्व होता है उसी प्रकार मंगलसूत्र भी उनेक लिए उतना ही महत्वपूर्ण होता है। यह उनके सुहाग को लंबी आयु प्रदान करता है तथा बुरी नज़र से उनके पति की रक्षा करता है।

प्रत्येक स्त्री को वहीं मंगलसूत्र धारण करना चाहिए जिसमें काले मोती हों, क्योंकि मान्यता है कि यह काले मोती बुरी नजरों से पति की रक्षा करते हैं।

मंगलसूत्र में सोने का रहना आवश्यक होता है, क्योंकि सोना गुरु के प्रभावों को कम करता है और वैवाहिक जीवन में सुख एवं ऊर्जा प्रदान करता है। 

Jyoti

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