यहां रात में तुलसी के पौधे ले लेते हैं गोपियों का रूप, श्री कृष्ण संग होता है रास

Sunday, Dec 08, 2019 - 02:07 PM (IST)

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वृंदावन, जिसके बारे में कहा जाता है यहां बांके बिहारी साक्षात निवास करते हैं। इस बात प्रमाण यहां एक बार नहीं बल्कि कई बार देखने को भी मिला है। उन प्रमाणों में से सबसे पहला नाम निधिवन का आता है। जिसके चमत्कारों से कोई अंजान नहीं है। मगर आज हम आपको निधिवन नहीं यहां के स्थित एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जो अद्भुत तो है ही, साथ ही साथ निधिवन की तरह ही चमत्कारों से भरपूर है। जिसका सबसे बड़ा सबूत है इस मंदिर के कपाट, जो खुद खुलते और बंद होते हैं। इसके पीछे की मान्यताओं के अनुसार यहां श्री कृष्ण आज भी रोज़ाना शयन करने आते हैं। जिस कारण मंदिर में हर रोज़ बिस्तर लगाया जाता है। तो आइए जानते हैं निधिवन के इस मंदिर से जुड़ी मान्यताएं-

मंदिर में श्री कृष्ण के लिए लगते हैं बिस्तर
मंदिर के पुजारियों का कहना है, मंदिर में भगवान श्री कृष्ण रोज़ाना शयन के लिए आते हैं। इनके अनुसार यहां प्रतिदिन भगवान श्री कृष्ण के लिए साफ़-सुथरे बिस्तर लगाए जाते हैं। परंतु सुबह बिस्तर में सलवटें पड़ी होती है जो इस बात का प्रमाण है कि यहां श्री कृष्ण शयन के लिए आते हैं।

रात में रखा माखन-मिश्री का भोग हो जाता है खत्म
श्री कृष्ण के समस्त मंदिरों की तरह इस मंदिर में हर दिन कृष्ण जी को माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है और बांटा जाता है। इसके बाद जो प्रसाद बचता है उसे मंदिर में ही रख दिया जाता है। परंतु पुजारियों का कहना है कि बचा हुआ प्रसाद सुबह तक खत्म हो जाता है। इनका मानना है कि ये प्रसाग स्वयं श्री कृष्ण आकर खा लेते हैं।

तुलसी के दौ पौधे हैं राधा की गोपियां
यहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार मंदिर परिसर में तुलसी के दो पौधे हैं जो रात के समय राधा की गोपियां बन जाती हैं और उनके साथ नृत्य करते हैं। यही कारण है इस तुलसी का पत्ता भी कोई नहीं ले जाता।

शाम की आरती के बाद मंदिर में प्रवेश करने की मनाई
मान्यताओं के अनुसार वृंदावन के इस मंदिर में श्री कृष्ण और राधा रानी रासलीला करने आते हैं। कहा जाता है इस रासलीला को कोई व्यक्ति नहीं देख सकता अगर कोई ऐसा करता है तो वह पागल हो जाता है या फिर उसकी आंखों की रोशनी चली जाती है। इसके अलावा यहां शाम की आरती के बाद मंदिर में जाने की मनाही है।

 

Jyoti

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