यहां जानिए भगवान विश्वकर्मा ने किन-किन भवनों का किया था निर्माण

Wednesday, May 01, 2019 - 11:31 AM (IST)

ये नहीं क्या देखा तो देखा (VIDEO)
हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निमार्ण व सृजन का देवता माना जाता है। शास्त्रों में इन्हें शिल्पकारों और रचनाकारों का इष्टदेव कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार सोने की लंका का निर्माण भी उन्होंने ही किया था। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि विश्वकर्मा जी भगवान ब्रह्मा के पुत्र हैं और उन्होंने ही ब्रह्मांड की रचना की थी। तो वहीं दूसरी ओर कई लोग मानते हैं कि जगत की रचना विश्वकर्मा जी ने नहीं बल्कि भगवान श्री हरि ने की थी। लेकिन क्या कभी किसी ने इस बारे में सोचा है कि उन्हें शिल्पकारों के देवता क्यों कहा जाता है? तो चलिए आज हम आपको इससे जुड़ी एक कथा के बारे में बताते हैं। 

मान्यता के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने कई मंदिरों का निर्माण किया और उन्हें सुंदर आकार व स्वरूप दिया है और उन्हीं में से एक सोने की लंका भी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ विवाह करने के बादे सोने की लंका का निर्माण विश्वकर्मा से करवाया था और जब गृह सृजन पर रावण को भी बुलाया गया तो उसने सोने का महल भगवान से मांग लिया। 

धरती पर सबसे पहले कौन आया- अंडा या मुर्गी ! (VIDEO)


कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में भगवान विश्वकर्मा से ही द्वारिका नगरी का निर्माण करवाया था। इस नागरी की लंबाई, चौड़ाई और 48 कोस थी। उसमें वास्तु शास्त्र के अनुसार चौड़ी सड़कों, चौराहों और गलियों का निर्माण किया गया था। वहीं महाभारत के अनुसार तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युमाली का वध करने के लिए भगवान शिव जिस रथ से गए थे उसे विश्वकर्मा जी ने ही बनवाया था। 

एक ऋषि ने खोज निकाला जवाब कि त्रिदेव में कौन है सर्वोत्तम (VIDEO)

इसके अलावा मान्यता है कि भगवान कृष्ण के प्रेम में पागल गोपियां एक बार एक तालाब के किनारे उनका इंतजार कर रहीं थीं। कुछ दिनों बाद जब कृष्ण वहां आए तो उन्होंने गोपियों का समर्पण देखकर उस तालाब का नाम गोपी तालाब रखने का निर्णय किया। परंतु गोपियों ने उन्हें इस तालाब की जगह नया तालाब बनवाने को कहा। तब श्रीकृष्ण के आदेश पर विश्वकर्मा जी ने एक खूबसूरत तालाब का निर्माण किया, जिसे वर्तमान में गोपी तालाब के नाम से जाना जाता है। 

एक अन्य मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु ने एकबार विश्वकर्मा जी से धरती पर उनका ऐसी जगह मंदिर बनाने को कहा जहां पांच कोस तक कोई शव न जलाया गया हो। इसके बाद विश्वकर्मा जी ने भगवान विष्णु का मंदिर बनवाया। आज यह मंदिर छत्तीसगढ़ में राजीव लोचन मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

Lata

Advertising