इंडोनेशिया के समुद्र में विराजमान हैं भगवान विष्णु, आप भी ज़रूर करें दर्शन

Wednesday, Sep 16, 2020 - 02:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो प्रत्येक देश में हर धर्म के लोग रहते हैं, मगर बात करें सबसे मुस्लिम आबादी की तो कहा जाता है सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया को माना जाता है। मगर आपको बता दें सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले इस देश में आज भी हिंदुत्व के कई प्रमाण मौजूद है। जी हां, शायद आपको जानकर हैरानी हो मगर आज से नहीं बल्कि प्राचीन समय से ऐसी कई चीज़े मौजूद हैं, जो हिंदू धर्म से संबंधित है। आज हम आपको इंडोनेशिया के ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां भगवान विष्णु का एक ऐसा मंदिर स्थित है जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। 

दरअसल हम बात कर रहे हैं, इंडोनेशिया के बाली में स्थित बहुत ही अद्भुत मंदिर की, जो कहीं ऐसी वैसे जगह नहीं पानी के बीचों बीच स्थित है। बता दें वैसे इंडोनेशिया के जावा में एक के बढ़कर एक हिंदू मंदिर के प्रमाण देखने को मिलते हैं। साथ ही साथ द्वीपों के बारे में भी जिक्र किया जाता है। लेकिन बाली एक ऐसा क्षेत्र है जहां इन समस्त मंदिरों में से सबसे ज्यादा तथा बेहद अद्भुत मंदिर स्थित हैं। बताया जाता है अपेन आप में अनोखा व अद्भुत ये मंदिर  उत्तर पश्चिम बाली के पेमुतेरान बीच में समुद्र की सतह से 90 फीट नीचे स्थापित है।

5000 साल पुराना है ये विष्णु मंदिर
इससे बारे में प्रचलित मान्यताओं आदि के अनुसार ये मंदिर कोई आज कल का निर्मित मंदिर नहीं है बल्कि आज से लगभग 5000 साल पूर्व निर्मित मंदिर है। बताया जाता है मंदिर को देख इसकी स्थिति से इसके पुरातन होने का अनुमान लगाया जा सकता है।

तो वहीं कुछ लोगों का कहना है इस मंदिर में प्रचलित ये सारी बातें सच्ची नहीं। उनका कहना है कि मंदिर हाल के एक आर्टिफिशियल रीफ क्रिएशन प्रोजेक्ट का पार्ट था। इसे समुद्र तल पर सीधा स्ट्रक्चर खड़े कर मरीन हैबिटेट बनाया गया था। कहा ये भी जाता है कि सी रोवर डाइव केंद्र के निर्माण के लिए इंटरनेशनल विकास के लिए ऑस्ट्रेलियन एजेंसी की ओर से फंडिंग भी की गई थी। 

यहां के लोगों का कहना है कि ये मात्र डाइव के दौरान मनुष्य की बनाई हुई रीफ है, जिसे लोकर न्यू स्कूबा डाइविंग स्पॉट करते हैं। 

तो वहीं कुछ लोगों ने इस मंदिर को तमन पुरा या टेम्पल गार्डन नाम दिया था। जिसके बाद इंडोनेशिया की राजधानी जर्काता के कुछ इंटरनेट पोर्टल और मीडिया स्टेशन ने इस हैरान कर देने वाली खबरें दिखानी प्रारंभ कर दी। इतना ही नहीं इस स्थान को मंदिर का प्राचीन खंडहर होने की पुष्टि भी की जाने लगी। जिसके बाद से ये मंदिर लगभग दुनिया के हर कोने में प्रसिद्ध हो गया। 

Jyoti

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