इस विनायक चतुर्थी पर मिल सकता है आपको भी बप्पा से बेहरतीन तोहफ़ा
Friday, Nov 29, 2019 - 12:38 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर माह में आने वाले दोनों चतुर्थी तिथि को हिंदू धर्म के प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश जी का व्रत व पूजन करने का विधान है। बता दें अमावस्या के बाद आने वाले शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और पूर्णिमा के बाद आने वाले कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यूं तो दोनों ही तिथियों का अधिक महत्न है लेकिन ऐसी मान्यता है विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने वाले जातक के बड़े से बड़े विघ्न बहुत ही आसानी से टाला जा सकता है। तो आइए आपको बताते हैं कि इस माह की विनायक चतुर्थी जो इस बार 30 नवंबर को पढ़ रही है।, पर आपको इनकी पूजा-अर्चना कैसे करनी चाहिए।
विनायक चतुर्थी पर कैसे करें भगवान गणेश की पूजा-
इस दिन प्रातः उठकर स्नान आदि करके लाल रंग के वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें।
फिर गणपति जी के मंदिर में प्रसाद के रूप में एक जटा वाला नारियल और मोदक चढ़ाएं।
अब इन्हें गुलाब के फूल और दूर्वा अर्पित करते हुए ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें।
दोपहर पूजन के समय अपनी सामर्थ्य के अनुसार घर में पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
संकल्प के बाद पूजन करें और श्री गणेश की आरती करके और बच्चों में मोदक बांट दें।
धन प्राप्ति के क्या करें-
सुबह स्नान करके साफ़ कपड़े पहनकर गणेश जी की पूजा करें और उन्हें की माला बनाकर अर्पित करें।
इसके बाद शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाते हुए "वक्रतुण्डाय हुं" मंत्र का 54 बार जाप करें।
धन लाभ की प्रार्थना से थोड़ी देर बाद घी और गुड़ गाय को खिलाएं या किसी निर्धन व्यक्ति को दें।
ऐसा लगातार पांच विनायक चतुर्थी पर करें इससे आपको आपका रुका हुआ धन ज़रूर मिलेगा।
बाधा और संकटों के नाश के लिए उपाय
सुबह समय पीले वस्त्र धारण करके भगवान गणेश के समक्ष बैठकर घी का चौमुखी दीपक जलाएं।
अपनी उम्र के बराबर लड्डू रखें फिर एक एक करके सारे लड्डू चढ़ाएं और हर लड्डू के साथ "गं" मन्त्र जपें।
इसके अलावा गणेश जी के चित्र या प्रतिमा के सामने बैठकर भगवान सूर्यनारायण के सूर्याष्टक का 3 बार पाठ करें।