विजयादशमी के दौरान शस्त्र पूजा करने से पहले जान लें ये बात

Monday, Oct 07, 2019 - 12:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
शारदीय नवरात्रि के बाद हिंदू धर्म में दशहरा पर्व मनाया जाता है और यह दिन अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के पड़ता है। इस साल ये दिन कल यानि 8 अक्टूबर को पड़ रहा है। बता दें कि दशहरा असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है, क्योंकि भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का इसी दिन वध किया था। बहुत सारी जगहों पर रावण के पुतला जलाया जाता है। इसके अलावा भी इस दिन की एक ओर मान्यता है, जिसके अनुसार मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। वहीं कुछ जगहों पर इस दिन शस्त्र पूजन करने की भी मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं शस्त्र पूजा से जुड़ी कुछ खास बातें, जोकि सबके लिए जाननी बेहद जरूरी हैं। 

शस्त्र पूजन विधि 
मान्यताओं के अनुसार दशहरे के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा निभाई जाती है। दशहरा के दिन शस्त्रों की पूजा आज से नहीं बल्कि प्राचीनकाल से चली आ रही है। इस दिन शस्त्र पूजा के लिए घर में रखे सभी शस्त्रों को इकट्ठा कर उनपर गंगाजल छिड़क दें। इसके बाद उन पर हल्दी, कुमकुम का टिका करें और फूल अर्पित किए जाते हैं। बता दें कि दशहरे पर शमी के पेड़ की पूजा करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।

पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
दशहरा पर्व के अवसर पर अपने शस्त्र को पूजने से पहले सावधानी बरतना न भूलें। हथियार के प्रति जरा-सी लापरवाही बड़ी भूल साबित हो सकती है।

घर में रखे अस्त्र-शस्त्र को अपने बच्चों व नाबालिगों की पहुंच से दूर रखें। 

हथियार को खिलौना समझने की भूल कभी न करें। क्योंकि इसी बच्चे इसे खिलौना समझकर कई तरह की दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं।

सबसे अहम व जरूर बात कि पूजा के दौरान बच्चों को हथियार न छूने दें ताकि किसी भी तरह का प्रोत्साहन बच्चों को न मिले।

Lata

Advertising