Vijayadashami 2021: आज घर-दुकान पर अवश्य करें ये काम, जानें पूजा मुहूर्त

Friday, Oct 15, 2021 - 07:46 AM (IST)

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Dussehra 2021: आश्विन शुक्ल दशमी के दिन मनाया जाने वाला विजय दशमी यानी दशहरे का पर्व वर्षा ऋतु के समापन तथा शरद के आरम्भ का सूचक है। ब्राह्मण सरस्वती पूजन और क्षत्रीय शस्त्र पूजन करते हैं। इस दिन तारा उदय होने का समय विजयकाल कहलाता है। यह मुहूर्त सब कामों को सिद्ध करता है। सायंकाल अपराजिता पूजन, भगवान राम, शिव, शक्ति, गणेश, सूर्यादि देवताओं का पूजन करके आयुध, अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए। इस बार दशहरा 15 अक्तूबर को मनाया जाएगा। यह दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आता है। नवमी तिथि 14 अक्तूबर को मनाई जाएगी। नवमी तिथि के बाद दशमी को विजय दशमी का त्यौहार मनाया जाता है। वैसे अपराह्न काल, विजय यात्रा का मुहूर्त माना गया है। दुर्गा विसर्जन, अपराजिता पूजन, विजय प्रयाण, शमी पूजन तथा नवरात्रि समापन का दिन है दशहरा। 15 अक्तूबर को सूर्यास्त सायंकाल 5.50 पर होगा। इससे पूर्व ही रावण दहन तथा सरस्वती विसर्जन किया जाना चाहिए।

Vijayadashami shubh muhurat विजय दशमी पूजा मुहूर्त
अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि शुरू : 14 अक्तूबर को शाम 6.52 से।
अश्विन मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त : 15 अक्तूबर को शाम 6.02 मिनट पर।
पूजन का शुभ मुहूर्त : 15 अक्तूबर को दोपहर 2.02 से 2.48 तक।

Vijayadashami Puja vidhi पूजा विधि
यूं तो पूरा दिन ही शुभ है परंतु विजय मुहूर्त दोपहर 2.02 से 2.48 मिनट तक विशेष शुभ समय है।
प्रात: काल ईशान दिशा में शुद्ध भूमि पर चंदन, कुमकुम आदि से अष्टदल बनाएं और पूर्ण शोडषोपचार सहित अपराजिता देवी के साथ-साथ जया तथा विजया देवियों की भी पूजा करें।

अक्षत अर्पित करते हुए निम्न मंत्रों :
ओम् अपराजितायै नम:।
ओम् क्रियाशक्तौ नम: तथा ओम् उमायै नम:।
की एक-एक माला का जाप करें।

Vijayadashami upay: प्रथम नवरात्रि पर बीजी गई जौ अर्थात खेतरी को तोड़कर पूजा के थाल में रखें और पूजा के बाद घर व दुकान के मंदिर तथा धन स्थान के अलावा पाठ्य पुस्तकों, अकाऊंट्स बुक्स आदि में भी रखें।

इस दिन कलम पूजन भी किया जाता है।

दशहरे पर फलों में सेब, अनार तथा गन्ने घर में अवश्य लाने चाहिएं। गन्ना प्राकृतिक मधुरता, उच्चता तथा हरियाली दर्शाता है जो हर परिवार की आज आवश्यकता है। 

Niyati Bhandari

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