Vijayadashami: रावण वध ही नहीं, इस कारण से भी मनाया जाता है दशहरा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 24, 2023 - 07:29 AM (IST)

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Story of Dussehra: दशहरा का इतिहास वास्तव में सबसे पुराना है। धार्मिक साहित्य को अगर देखें तो इस पर्व के संबंध में कई कथाएं मिलती हैं। साधारण लोग यही जानते हैं कि इस दिन प्रभु श्री राम चंद्र जी ने दशानन लंकापति रावण का वध किया था, यानी सत्य का दामन पकड़े प्रभु राम ने असत्य व पापकर्मा रावण का वध कर विजय प्राप्त की।

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Vijaya Dasami 2023: एक मत के अनुसार इस दिन भगवती मां दुर्गा ने साक्षात प्रकट होकर महिषासुर नामक असुर का वध किया था। महिषासुर के आतंक से सारी जनता दुखी थी। इस सृष्टि को महिषासुर के आतंक से मां भगवती दुर्गा ने मुक्ति दिलाई थी। इस अवसर पर सभी देवी-देवताओं ने मां दुर्गा की स्तुति की। ढोल-नगाड़े बजाकर आकाश से पुष्प वर्षा की। उस समय समस्त संसार का वातावरण एक उत्सव में परिवर्तित हो गया था।

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Dussehra 2023: महिषासुर ने तपोबल से यह वरदान प्राप्त कर लिया था कि वह किसी पुरुष, देवता, मानव, पक्षी, पशु के हाथों न मारा जाए और उसकी जब भी मृत्यु हो वह किसी कन्या के हाथ से हो। इसीलिए देवी-देवताओं एवं समाज की रक्षा हेतु मां भगवती ने स्वयं प्रकट होकर अत्याचार रूपी महिषासुर का वध किया। इसीलिए सभी देवी-देवताओं ने मां भगवती को महिषासुर मर्दिनी के नाम से पुकार कर उनकी स्तुति की।
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Dussehra Festival: मां दुर्गा के नवरात्रों के समापन उपरांत विजय दशमी को ही इस उत्सव का समापन माना जाता है। पुरातन काल से ही योद्धा व बली देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नवरात्र काल में शक्ति पूजन करते आ रहे हैं। आश्विन नवरात्रों में सिद्धि प्राप्ति में प्रकृति भी सहायक सिद्ध होती है। स्वयं भगवान राम ने नवरात्रों के 9 दिन शक्ति पूजा कर दशानन रावण को मारने का सामर्थ्य प्राप्त किया था।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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