विदुर नीति: Happy Life के लिए अपने आप में पैदा करें ये गुण

Tuesday, Aug 06, 2019 - 02:50 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
अगर बात हिंदू धर्म की हो तो इसके ग्रंथों व पुराणों पढ़ने पर ऐसे कई महान विद्वान मिल जाएंगे जिन्होंने प्राचीन समय में ऐसी कई बातें कही व बताई है जिन्हें आज के समय में भी बहुत उपयोगी माना जाता है। तो आज हम आपको प्राचीन समय के एक ऐसे ही महान विभूति कहे जाने वाली विद्वान  द्वारा ही बताई ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो मानव जीवन के लिए बहुत लाभकारी मानी गई हैं। हम बात कर रहे हैं महात्मा विदुर की, जिनकी महाभारत में एक अहम भूमिका थी। इन्होंने महाभारत के युद्ध की रणनीति और राजनीति के अलावा भी कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो मनुष्य के जीवन में प्रासंगिक है।

इनके विदुर नीति में से एक श्लोक के बारे में बताने जा रहे हैं, महात्मा जिसमें मनुष्य के सुखी जीवन का सार बताने की कोशिश की गई है।

श्लोक-
एको धर्म: परम श्रेय: क्षमैका शान्तिरुक्तमा।
विद्वैका परमा तृप्तिरहिंसैका सुखावहा ॥

इस श्लोक में महात्मा विदुर जी ने मनुषय को बताना चाहा है कि मानव को हमेशा धर्म की राह पर चलना चाहिए। क्योंकि जो धर्म की राह पर चलता है वह कभी कुछ बुरा नहीं कह सकता। अर्थात जीवन में सुख-शांति के लिए धर्म की राह पर चलना चाहिए।

कहा जाता है हर सफल व्यक्ति अपने जीवन में खूब गलतियां करता है। अब गलतियां करने वाले को समझदार नहीं कहा जा सकता। बल्कि समझदार व्यक्ति वह होता है जो दूसरों की गलतियों को क्षमा कर जीवन में आगे बढ़ जाता है। क्योंकि किसी की गलती पर मन में गांठ बांध लेने से हमेशा के लिए संबंध खराब हो जाते हैं। जिससे दूसरों के साथ-साथ हम खुद को भी दुखी करते हैं।

लोगों का मानना है पैसा हने से हम धनवान बनते हैं, परंतु बता दें शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का ज्ञान ही उसका सबसे बड़ा धन होता है। जो लोग किसी लालच के बिना ज्ञान से ही हमेशा संतोष करते हैं संसार में उनसे ज्यादा सुखी कोई नहीं होता। तो वहीं अज्ञानता में जीवन जीने वाले व्यक्ति का जीवन अंधकार के समान होता है।

 

Jyoti

Advertising