विदुर नीति: जिन लोगों में होते हैं ये गुण, होते हैं तारीफ के हकदार

Sunday, May 29, 2022 - 11:00 AM (IST)

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आचार्य चाणक्य के बारे में आप सब ने सुना ही होगा, न केवल प्राचीन समय में बल्कि वर्तमान समय में भी उनकी नीतियों स बहुत से लोग अवगत हैं। कहने का भाव है कि लगभग लोग इन्हें जानते हैं। मगर इन्हीं की तरह एक और विद्वान थे जिनका महाभारत के समय में काफी बोलबाला रहा है। जी आप सही समझ रहे हैं हम बात कर रहे हैं महात्मा विदुर की, कहा जाता है इन्होंने भी अपनी नीतियों के बल पर समाज में एक अलग पहचान प्राप्त की थी। बताया जाता है कि महाभारत युद्ध में इनका भी अहम योगदान रहा था। धृतराष्ट्र और पांडु की तरह ही विदुर जी भी ऋषि वेदव्यास के पुत्र थे परंतु इनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था। इसलिए इन्हें राज सिंहासन पर बिठाना किसी को मंजूर नहीं थी, इसलिए इन्हें हस्तिनापुर के महामंत्री की गद्दी सौंपी गई। महाभारत में जितना इनके बारे में वर्णन किया गया है कि उसके अनुसार ये अपनी दूर-दृष्टि की वजह से प्रसिद्ध थे। प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के महाभारत युद्ध से पहले ही विदुर जी ने महाराज धृतराष्ट्र को युद्ध परिणामों के बारे में अवगत करवा दिया था। कहा जाता है विदुर जी के द्वारा बताई गई बातें आज के समय में भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी उस समय हुआ करती थी। जो व्यक्ति विदुर जी की नीतियों को जीवन में लागू करता है, उसका जीवन एक सफल जीवन बनता है। तो आइए आपको बताते हैं महात्मा विदुर द्वारा बताई गई कुछ खास बातें-



महात्मा विदुर अपने नीति सूत्र में बताते हैं कि जो व्यक्ति समय की बर्बादी नहीं करता और जिसके सभी काम और निर्णय समय पर पूर्ण होते हैं वह व्यक्ति ज्ञानी कहलाता है। बल्कि जीवन में सफलता हासिल करता है और जिंदगी के हर मुश्किल दौर से बड़े धैर्य से निकाल लेता है।

जो दूसरों की बातों को धैर्य के साथ सुनता है और हर विषय को सीखने की कोशिश करता है, जो कार्य को गलत तरह से या फिर गलत तरीके से पूरा करने के बजाय अपनी बुद्धि से पूर्ण करने के प्रयास करता है, ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों का धैर्य ही उन्हें सफलता के मुकाम पर पहुंचाता है।



विदुर जी कहते हैं कि मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के साथ न ही टकराना चाहिए और न ही उनके साथ किसी प्रकार की बहस करनी चाहिए। वरना इसका भुगतान खुद को ही भुगतना पड़ता है।

महात्मा विदुर के अनुसार नशे करने वाले व्यक्ति से दूरी बनाए रखने में ही भलाई होती है। नशे में कार्य करने वाला ऐसी गलतियां कर बैठता है जिस कारण वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी नुकसान देता है।

विदुर जी का मानना है कि जो व्यक्ति शक्तिशाली होने के बावजूद भी क्षमा करने का गुण रखते हैं तथा निर्धन होते हुए भी खुशी-खुशी दान करने की क्षमता रखते हैं ऐसे व्यक्ति महान होते हैं।

इसके अलावा विदुर जी ने अपने नीति सूत्र में कुछ गुणों के बारे में बताया है, जो इस प्रकार है-  बुद्धि, शौर्य, मधुर भाषी, ज्ञानी, वीर, कम बोलने वाला, दूसरे के उपकार के याद रखने वाला, दान करने वाला। कहा जाता है कि जिसमें ये गुण होते हैं वह हमेशा समाज में तारीफ ही बटोरता है।

Jyoti

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