Vidur Niti: ये है इंसान के जीवन का असली सुख

Wednesday, Jan 15, 2020 - 01:17 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हमारे हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से ग्रंथ शामिल हैं, जिनके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन को अच्छे तरीके से जी सकता है। ऐसा ही एक ग्रंथ हैं महाभारत, जिसका हर एक पात्र खास रहा है और उसी में से है महात्मा विदुर, जोकि महाराज धृतराष्ट्र के मंत्री थे। उन्होंने समय-समय पर धृतराष्ट्र को कई नीतियों के बारे में बताया और वे नीतियां न केवल उस समय बल्कि आज के समय में उतनी ही उपयोगी हैं। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति विदुर द्वारा बताई गई नीतियों को अपना लेता है तो उसका जीवन सुधर सकता है। आज हम आपको उनकी नीति में से ऐसी चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा सुख माना गया है।

श्लोक
आरोग्यामानृण्यमविप्रवासः सद्धिर्मनुष्यैः सह स्मप्रयोगः।
स्वप्रत्यया वृत्तिरभीतवासः षड् जीवनलोकस्य सुखानि राजन्।।
अर्थ-
स्वस्थ रहना, किसी से उधार न लेना, परदेश में (अपने देश से बाहर) न रहना, अच्छे लोगों के साथ मेल होना, अपनी वृत्ति से जीविका चलाना (जीवन व्यापन के लिए किसी पर निर्भर न होना) और निडर होकर रहना- ये छः इस लोक के सुख है।
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निरोग रहना
हर किसी का ख्वाब होता है कि वे हमेशा स्वास्थ्य रहे, लेकिन मनुष्य कभी न कभी किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ ही जाता है। बीमार मनुष्य कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता। ऐसे मनुष्य को अपनी शरीर क साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में जो लोग अपना ध्यान रखते हैं वे ही निरोगी जीवन व्यतीत करते हैं। 

ऋणि न होना
मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छाएं रखनी चाहिए। कई लोगों का मन वश में नहीं होता और वे अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार ले लेते हैं। दूसरों से पैसे उधार लेकर पाई गई सुविधाएं कभी सुख नहीं देती। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग उधार तक ले लेते हैं, जोकि सही नहीं होता है। 

देश में रहना
कई कारणों से लोग अपना देश छोड़कर किसी और देश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन अपने देश में रहने का जो सुख है, वह कहीं और नहीं मिल सकता। 

अच्छे लोगों की संगति करना
जो मनुष्य अच्छे और विद्वान लोगों से दोस्ती रखता है, उनके साथ अपना समय बिताता है, वह बहुत ही सुखी माना जाता है, क्योंकि बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा ही होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल-मिलाप रखता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 
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निडर होकर जीना
जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है, वह पूरा समय उसी दुश्मन के बारे में सोचता रहता है। ताकतवर दुश्मन उसे और उसके परिवार को किसी भी तरह की नुकसान पहुंचा सकता है। किसी बात या मनुष्य के डर में जीने वाला मनुष्य कभी अपने जीवन का पूरा आनंद नहीं ले पाता। इसलिए, जो व्यक्ति बिना किसी भय के अपना जीवन जीता है, वह सबसे सुखी माना जाता है।

Lata

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