Saving करने में हो रही है दिक्कत तो विदुर की ये नीति आपके लिए होगी लाभदायक

Wednesday, May 06, 2020 - 07:15 PM (IST)

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अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको समय-समय पर चाणक्य जैसे अन्य को महान विद्वानों की बताई गई नीतियों से अवगत करवाते रहते हैं। इसी कड़ी को बरकरार रखते हुए आज हम आपको बताएंगे महात्मा विदुर की एक ऐसी नीति जिसमें उन्होंने धृतराष्ट्र को बताया है कि कैसे व्यक्ति को अपने धन को बचाना चाहिए। इसे बचाने का सबसे सही तरीका क्या है।

बता दे महात्मा विदुर को महान ज्ञाता  कहा जाता था इन्होंने जीवन की कई समस्याओं और पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए ऐसी कई बातें बताई हैं जो आज के समय में मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं जिसमें ना केवल बुरे वक्त के बारे में बताया गया है बल्कि इसमें स्वास्थ्य से लेकर पैसों संबंधित तक बातें बताई गई है। आज हम आपको बताएंगे उसी के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि व्यक्ति को अपनी धन की बचत कैसे करनी चाहिए। 

विदुर नीति की मानें तो अच्छी व मंगल कर्म करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसका तात्पर्य यह है कठिन परिश्रम और इमानदारी से किए गए कामों से ही धन की प्राप्ति होती है। तो हर व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने कर्म सुधारें। 

विदुर के अनुसार जो व्यक्ति अपने धन को सोच समझकर खर्च करता है या न्यूज़ का उपयोग करता है, सही तरीके से उसका आय व्यय करता है। उसके पास धन की बचत अधिक होती है तथा उसका धन दिन पर दिन बढ़ता है। साथ ही साथ इससे उसके धन का संतुलन भी बना रहता है।

विदुर कहते हैं केवल उस इंसान का धन बढ़ता है जो उसका सही प्रबंधन और निवेश करता है। अगर व्यक्ति अपने धन को उचित आय बढ़ाने वाले सही कार्य में लगाता है तो उसका निश्चित ही लाभ होगा तथा इससे बचत भी होती है।

विदुर कहते हैं धन की रक्षा केवल तब होती है जब इंसान मानसिक शारीरिक और वैचारिक रूप से खुद पर संयम रखता है। यानि सुख पाने और शौक पूरा करने की चाहत में अपने धन का कभी भी गलत इस्तेमाल नहीं करता। ऐसे हालातों में हमेशा उसके धन की बचत होती है।

विदुर कहते हैं कि धन-धान्य से परिपूर्ण व्यक्ति को हमेशा समय-समय पर दान कहते रहना चाहिए। क्योंकि न केवल हिंदू धर्म में बाकि के तमाम धर्मों में धान के कार्य को सबसे पुण्य कहा गया है। कहा जाता है कि दान करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा साथ ही साथ समाज में इज्जत भी प्राप्त होती है। तो अगर आप अपने धन को बढ़ाना चाहते हैं तो दान अवश्य करें अन्यथा आपका दिन रखा रखा ही नष्ट हो जाएगा।


आखिर में महात्मा विदुर बताते हैं कि जो व्यक्ति ना तो अपने धन को दान करता है न ही उसका भोग करता है उसके धन की तीसरी गति निश्चित है जो है धन का नाश होना।

Jyoti

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