नवरात्रि में जरूर अपनाएं वास्तु से जुड़े ये नियम

Sunday, Sep 29, 2019 - 02:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
शारदीय नवरात्रि की शुरूआत आज से हो चुकी हैं। वहीं आज का पूरा दिन मां की भक्ति में डूबने का दिन है। बहुत से लोग आज कलश स्थापना करते हैं। आज हम आपको इसी से जुड़े कुछ वास्तु के नियमों के बारे मे बताने जा रहे हैं। 

शास्त्रों के अनुसार कलश स्थापित करते समय उस पर स्वास्तिक और मौली बाधीं जाती है। इसके बाद कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न, अक्षत व सिक्का डालें। इसके बाद पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछा लें और अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश रखा जाता है। चलिए जानते हैं आग वास्तु के कुछ नियम। 

वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा में घट स्थापना करना उचित रहता हैं।

जब भी माता की प्रतिमा को स्थापित करना हो तो उत्तर-पूर्व दिशा में ही करें क्योंकि वास्तुशास्त्र के अनुसार यह दिशा देवताओं की ही मानी जाती है। 

कहते हैं कि माता की प्रतिमा के सामने जब अखंड ज्योति जलाएं तो उसका मुंह वास्तु के हिसाब से पूर्व-दक्षिण दिशा में ही हो।  

अगर आप नवरात्रि में ध्वजा की स्थापना करते है तो इसे वास्तु के अनुसार घर की छत पर उत्तर-पश्चिम दिशा में करें। इससे घर में सुख-शांति आती है। 
 

Lata

Advertising