विजयादशमी पर करें शमी वृक्ष का पूजन और पाएं हर कार्य में विजय

Tuesday, Oct 08, 2019 - 01:42 PM (IST)

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पेड़-पौधे लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि इन्हें लगाने से घर में खुशहाली आती है। लेकिन वास्तु में ये भी बताया है कि कुछ पेड़ ऐसे हैं जो केवल घर के बाहर ही लगाने चाहिए। पीपल, केला और शमी का वृक्ष आदि ऐसे पेड़ हैं जो घर में समृद्धि प्रदान करते हैं। कहते हैं कि शमी का पेड़ लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और साथ ही देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। इसी तरह आज हम वास्तु शास्त्र में बताए गए शमी के पेड़ के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। 

शमी वृक्ष की लकड़ी को यज्ञ की वेदी के लिए पवित्र माना जाता है। शनिवार को करने वाले यज्ञ में शमी की लकड़ी से बनी वेदी का विशेष महत्व है। इसी के साथ ही शमी को गणेश जी का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इसलिए भगवान गणेश की आराधना में शमी के वृक्ष की पत्तियों को अर्पित किया जाता है। 

कहते हैं कि सुबह के समय उठने के बाद शमी के वृक्ष के दर्शन को शुभ माना जाता है। बिहार और झारखंड में यह वृक्ष अधिकतर घरों के दरवाजे के बाहर लगा हुआ मिलता है और इसे मेन गेट के दोनों कोणों या फिर बांयी तरफ लगा सकते हैं।  

शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है। सभी यज्ञों में शमी वृक्ष का उपयोग शुभ माना गया है। शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है। शमी के पंचाग, यानी फूल, पत्तियों, जड़, टहनियों और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।

दशहरा पर्व पर शमी के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है। नवरात्रि में भी शमी के वृक्ष की पत्तियों से पूजन करने का महत्व बताया गया है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन शाम के समय वृक्ष का पूजन करने से धन की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के वृक्ष के सम्मुख अपनी विजय के लिए प्रार्थना की थी।

पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष हैं, जिन पर शनि का प्रभाव होता है। पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है, इसलिए इसे घर में लगाना संभव नहीं हो पाता। वास्तु शास्त्र के मुताबिक नियमित रूप से शमी की पूजा करने और उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष और उसके कुप्रभावों से बचा जा सकता है।

Lata

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