पूजा घर से जुड़ी ये बातें हर किसी के जाननी है ज़़रूरी

Saturday, Sep 19, 2020 - 11:29 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र के अनुसार सनातन धर्म से संबंध रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर के पूजा स्थल को इसके मुताबिक रखना चाहिए। कहा जाता है ये घर की एकमात्र ऐसी जगह होती हैं जहां एक साथ कई देवी-देवता वास करते हैं। ऐसे में अगर घर का यही स्थान सही न हो तो किसी भी हालात में घर में खुशियां नहीं आती। इतना ही नहीं उनके द्वारा की गई पूजा भी सफल नहीं होती। तो चलिए आपको बताते हैं कि वास्तु के अनुसार पूदा स्थल से जुड़ी किन बातों का ख्याल रखना चाहिए तथा किन नियमों का पालन करना चाहिए। वास्त विशेषज्ञों कहते हैं कि अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो किन्हीं हालातों में परिणाम बहुत खतरनाक हो जाते हैं। 

यहां जानें पूजा से जुड़ी खास बातें-
कुछ लोग मंदिर की तरह अपने घरों में एक से अधिक प्रतिमाएं रख लेते, परंतु न तो उनकी प्राण-प्रतिष्ठा करते हैं न ही उनकी विधि वत पूजा करते हैं। जिस कारण उन्हें उसकी अशुभ फल प्राप्त होता है। वास्तु शास्त्र की मानें तो किसी भी व्यक्ति को अपने घर में एक से अधिक प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए। कहा जाता है इससे घर के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद व कलह पैदा होना लगता है। इसके अलावा कभी घर के मंदिर में किसी देवी-देवता की मूर्ति आमने सामने नहीं रखनी चाहिए। इसे भी अशुभ माना जाता है। 

सनातन धर्म में देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित किए जाने का अधिक महत्व है। जिसके चलते लोग कभी फूलों तो कभी फूलों के हार इन पर अर्पित करते हैं। मगर ऐसे में एक भूल वो ये करते हैं कि वो कई बार बासी फूल वहां से हटाना भूल जाते हैं। जिसे वास्तु की दृष्टि से बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है इससे घर-परिवार के जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी आने लगती है। 

वास्तु शास्त्री बताते हैं कि कभी भी घर के पूजा स्थल में कभी खंडित प्रतिमाएं भी नहीं रखने चाहिए। कहा जाता है इससे घर के लोगों का मन भटकने लगता है और सफलता के साथ-साथ जीवन में से खुशियां भी चली जाती हैं। इसलिए कहा जाता है किख खंडित प्रतिमाओं को या तो जल में प्रवाहित कर देना चाहिए या किसी पीपल के वृक्ष के नीचे रख आना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर में मंदिर प्रज्वलित करने वाला दीपक कभी भी ज़रा सा भी खंडित न हो जाए। वास्तु की दृष्टि से ये बिल्कुल अच्छा नहीं माना जाता। 

Jyoti

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