नए घर में Door Bell लगाने से पहले जरूर जान लें ये बातें

Friday, Jul 01, 2022 - 05:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र की मानें तो मानव जीवन की जिंदगी के हर पल के साथ वास्तु जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में वास्तु का उपयोग नहीं करता उसके जीवन में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं यूं भी कह सकते हैं अगर वास्तु के नियमों का ध्यान न रखा जाए तो हर किसी को इसके दुष्प्रभाव प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि प्राचीन समय में लोग वास्तु के मद्देनजर ही हर कार्य करते थे, जिसका परिणाम ये होता था कि उनके जीवन में केवल खुशहाली ही खुशहाली होती थी। परंतु बात करें आज के समय की तो लोग वास्तु शास्त्र व इसके नियमों को नजरअंदाज करने लगे हैं इसी वजह से उनके जीवन नें रोज नई समस्या जन्म ले लेती है। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी मार्डन हो उसके अपनी संस्कृति, सिद्धांतों को कभी नहीं भूलना चाहिए। इन सिद्धांतों में वास्तु शास्त्र के सिद्धांत भी शामिल है। जिन्हें न करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में सुख नहीं बल्कि दुख पाता है। तो आज हम आपको वास्तु शास्त्र में बताए गए डोर बेल से कुछ सिद्धांत व नियम। 

आप में से लगभग लोगों ने अपने घरों में डोर बेल लगाई होगी, जिससे हमें अपने घर में आने वाले मेहमान आदि की दस्तक का पता लगता है। आज कल के समय में लोग अलग-अलग प्रकार के साऊड बेल लगाने लगे हैं जिनमें   से कई बेहद आकर्षित होती है। कुछ लोग अपने घर की डोर बेल में कोई मंत्र भरवाते हैं, तो कछ लोग गाने आदि वाली डोर बेल घर में लगवाते हैं। घर की डोर बेल को हम बेहद आम मानते हैं। परंतु ऐसा नहीं है वास्तु शास्त्र के अनुसार मानव जीवन पर हर प्रकार की ध्वनि अपना असर छोड़ती है। फिर चाहे वो मधुर हो या अजीबो-गरीब। हर ध्वनि अपना असर छोड़ती है। मधुर ध्वनि जहां हम पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं तो वहीं कुछ साउंड जातक पर नकारात्मक असर डालते हैं। इतना ही नहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार तो घर की डोर बेल तो जीवन में वास्तु दोष तक पैदा कर देती है। जी हां, आज हम आपको डोर बेल से जुड़े उपाय ही बताने जा रहे हैं। 
 

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वास्तु में डोर बेल को लगाना बेहद जरूरी बताया गया है। इसलिए इसे वास्तु के अनुसार ही लगाना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि इसे हमेशा मेन डोर पर लगी नेम प्लेट के ऊपर लगाना चाहिए।

वास्तु में बताया गया है कि डोर बेल को केवल 5 फीट की उंचाई पर लगाना चाहिए।

वास्त में बताया गया है कि अगर बेल ऐसी है जो कानों को चुभें तो उससे नकारात्मक उर्जा पैदा होती है तथा घर में अशांति फैलती है। इसलिए हमेशा मधुर आवाज़ वाली डोर बेल को घर में लगाना चाहिए, ताकि जब भी कानों में पड़े तो आनंद और सुख की ही प्राप्ति हो।

बताया जाता है डोर बेल कभी भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं लगानी चाहिए, इसे दिशा में इसका होना अच्छा नहीं माना जाता। 

जो लोग कोई अध्यात्मिक डोर बेल लगाते हैं, उनके घर में हमेशा शांति रहती है, तथा घर के सदस्यों का मन शांत रहता है। बता दें मंत्र उच्चारण वाली डोर बेल दक्षिण-पूर्वी दीवार पर लगानी शुभ मानी जाती है।  

इसके अलावा चिड़िया की आवाज वाली डोर बेल को उत्तर-पश्चिम दीवार पर लगाने से घर-परिवार में सकारात्मकता का वास होता है।  

Jyoti

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