Vastu से जानिए घर में पीने का पानी कहां हो कहां नहीं ?

punjabkesari.in Saturday, May 01, 2021 - 05:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे ही वैसाख का महीना शुरू होता है गर्मी अपने चरम सीमा पर पहुंचने लगती है। ऐसे में सबसे आवश्यक जो होता है वह होता है पानी का सेवन। कहा जाता है कि इस मास में अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए परंतु साथ ही साथ जीव जंतुओं का भी ख्याल रखना चाहिए। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस दौरान घर की छतों पर खास तौर पर पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे उनको तो लाभ होता ही है परंतु साथ ही साथ ऐसे कार्य करने से जातक को भी शुभ प्रभाव प्राप्त होते हैं। परंतु वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि पानी पीने के साथ-साथ पानी की व्यवस्था का भी अधिक ख्याल रखना चाहिए। जी हां वास्तु शास्त्र के अनुसार पानी, अग्नि, वायु, आकाश,और पृथ्वी तत्व के लिए अलग-अलग दिशाएं निर्धारित की गई है। अगर ये इनके अनुसार न हो तो शुभ की जगह अशुभ प्रभाव झेलने पड़ते हैं। इसीलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि घर में पीने के पानी का स्थान क्या होना चाहिए। जिससे घर में किसी भी तरह का वास्तु दोष पैदा न हो।

वास्तु शास्त्री बताते हैं कि जल का सर्वाधिक शुभ स्थान हमेशा से ईशान कोण को ही माना गया है। घर में पीने के पानी का सही स्थान पर और सही दिशा में होना आवश्यक होता है। इसे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है तथा जीवन में सुख समृद्धि की कमी नहीं होती।

इस बात का खास ध्यान रखें कि पानी का बर्तन रसोई के हमेशा उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में हो।

वास्तु के अनुसार पानी का स्थान ईशान कोण माना जाता है अतः पानी का भंडारण अथवा भूमिगत टैंक या बोरिंग पूर्व, उत्तर या पूर्व उत्तर दिशा में होनी लाभदायक होती है।

ध्यान रखें पानी को ऊपर की टंकी में भेजने वाला पंप भी इसी दिशा में होना अच्छा होता है।

दक्षिण पूर्व कमा उत्तर पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं अथवा ट्यूबवेल होना अच्छा नहीं होता। इसके लिए उत्तर पूर्व कौन का स्थान उत्तम माना जाता है। कहा जाता है इसे वास्तु का संतुलन बना रहता है।

अन्य दिशा में कुआं या डबल हो तो उसे जल्द से जल्द भरवा देना चाहिए यदि भरवाना संभव ना हो तो उसका उपयोग नहीं करना चाहिए।


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Content Writer

Jyoti

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