Vastu: भूल से भी इन जगहों पर न बनाएं घर का पूजा स्थान, वरना...

Monday, Nov 21, 2022 - 11:58 AM (IST)

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बहुत से लोगों को ऐसा कहते देखा-सुना जाता है कि पूजा पाठ करने के बाद भी उनके जीवन की तमाम मुश्किलें हल नहीं होती न ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। कुछ लोग इसका पूरा दोष भगवान को दे देते हैं। पर ऐसा करना बिल्कुल ठीक नहीं होता क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है जब किसी व्यक्ति को उसकी पूजा का फल नहीं मिलता तो इसका कारण उसकी पूजा पाठ में किसी न किसी प्रकार की कमी होता है या फिर पूजा पाठ करने का सही स्थान। क्योंकि वास्तु शास्त्र में बताया गया है अगर घर का मंदिर यानि पूजा का स्थान इसके अनुसार न हो तो पूजा करने वाले को किसी भी प्रकार का फल नहीं मिलता। तो आज हम आपको इसी संदर्भ से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं। 

दरअसल वास्तुल शास्त्रम में 5 ऐसी जगह बताई गई हैं जिसके चलते अगर आप इन स्थानों पर पूजा घर बनवाते हैं तो जीवन में आए दिन कोई न कोई मुसीबत पैदा होती रहती है। ऐसे में जरूरी है कि जब घर में मंदिर का निर्माण करवाया जाए तो इन 5 जगहों पर करवाने से बचें। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो 5 स्थान-

वास्तुे शास्त्र  के अनुसार घर में कभी भी मंदिर को सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए। मान्यता है कि सीढ़‍ियों के नीचे मंदिर बनवाने से घर में बेवजह ही क्ले श पैदा होता है साथ ही परिवार के सदस्योंब को मानसिक अशांति का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बिना किसी कारण धन की हानि भी होती रहती है।

घर में बनवाए जाने वाले पूजा घर को कभी भी बाथरूम या स्नान घर के पास नहीं बनवाना चाहिए। क्योंकि वास्तुम शास्त्र के मुताबिक ऐसा करने से आपको जीवन में काफी दिक्कघतों का सामना करना पड़ता है। घर के मुखिया को आए दिन कष्टम ही झेलने पड़ते हैं। और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

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वास्तु शास्त्र की मानें तो पूजा घर को कभी भी बेसमेंट में नहीं बनवाना चाहिए, अन्यता व्यक्ति को पूजा का फल नहीं प्राप्त होता। बल्कि उसको आए दिन किसी न किसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बेसमेंट में मंदिर बनवाने से शनि और राहु का प्रभाव आपके घर पर पड़ सकता है।

वास्तुद शास्त्रि के मुताबिक व्यक्ति को कभी भी शयनकक्ष में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए। लेकिन अगर मजबूरी में आपको शयनकक्ष में मंदिर बनवाना पड़ रहा है तो आप मंदिर के चारो तरफ पर्दे लगा दें। 

पूजा घर को कभी भी दक्षिण में नहीं बनवाना चाहिए। क्योंकि ये दिशा यम की होती है। अगर आप इस दिशा में मंदिर बनवाते हैं तो आपके घर अचानक कोई दुर्घटना भी हो सकती है।

वास्तुर शास्त्र  के मुताबिक घर में स्थाीपित पूजा घर में मूर्तियों का सही दिशा में होना बहुत जरूरी होता है। ध्या़न रखें कि भगवान कोई भी प्रतिमा नैऋत्य कोण यानि कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें। अन्यथा व्यहक्ति के जीवन में कोई भी काम सफल नहीं होता है।

यहां हो घर पूजा घर-
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में मंदिर को स्थापित करने के लिए घर का सबसे शुभ स्थान ईशान कोण यानि कि उत्तर पूर्व दिशा होती है। यह दिशा भगवान के मंदिर को रखने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है। बता दें कि ईशान कोण घर का वह पवित्र स्थान है जहां से शुभ ऊर्जाओं का प्रवेश होता है। 

Jyoti

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