वास्तु के इन नियमों को ध्यान में रखकर जलाई है अखंड ज्योति, अगर नहीं तो...

punjabkesari.in Thursday, Mar 26, 2020 - 12:32 PM (IST)

नवरात्रि का पर्व हर हिंदू के लिए बहुत ही खास होता है। हर मां का भक्त इन दिनों का बड़े ही चाव से इंतजार करता है। बहुत से लोग मां के मंदिर में जाकर सुबह शाम दीप दान करने भी जाते हैं। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते ऐसा हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में लोग अपने घरों में भी ज्योति जलाकर मां को प्रसन्न कर सकते हैं। बहुत से लोग तो अखंड ज्योत भी जलाते हैं। किंतु उसे जगाने को लेकर वास्तु में कुछ खास नियम बताए गए हैं, अगर उन नियमों को ध्यान में रखा जाे तो माता की असीम कृपा प्राप्त होती है।  
PunjabKesari
नवरात्रि की इस अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है। आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन-रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है। माना जाता है हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है।

नियम
दीपक जलाने के लिए बड़े आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लें।

अखंड ज्‍योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें, ऐसा करने मां रुष्ठ हो सकती हैं। दीपक को लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें।
PunjabKesari
दीपक रखने से पहले उसमें रंगे हुए चावल डालें।

अखंड ज्‍योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है। इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाएं और फिर दीपक के बीचों-बीच रखें।

दीपक में घी डालें, अगर घी न हो तो सरसों या तिल के तेल का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं।

मान्‍यता अनुसार अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाईं ओर रखना चाहिए। इसके साथ ही एक बात का ध्यान रखें कि दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्‍यान जरूर करें।
PunjabKesari
अगर किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए यह अखंड ज्‍योति जला रहे हैं तो पहले हाथ जोड़कर उस कामना को मन में दोहराएं। ये मंत्र पढ़ें-
"ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।।"

ध्‍यान रहे अखंड ज्‍योति व्रत समाप्‍ति तक बुझनी नहीं चाहिए, इसलिए बीच-बीच में घी या तेल डालते रहें और बाती भी ठीक करते रहें।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News