घर में मौजूद हैं ये वास्तु दोष तो कभी नहीं मिल पाएगी तरक्की

Thursday, May 23, 2019 - 01:26 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
कई बार व्यक्ति के लिए कुछ जगह शुभ होती है और कोई जगह अशुभ होती है और इसके पीछे कारण केवल एक ही हो सकता है उस स्थान पर मौजूद वास्तु दोष का होना। वास्तु शास्त्र के हिसाब से हर दिशा का स्वामी अलग होता है। कहते हैं कि अगर घर में या किसी जगह पर वास्तु दोष हो तो वहां रहने वाले सदस्यों में रोग, तनाव व घर में कलह होने के संकेतों से पता चल जाता है। कहते हैं कि कई बार इंसान कर्ज के लेने के कारण कर्ज को चुकता भी नहीं कर पाता है। तो चलिए जानते हैं वास्तु दोषों व उनसे बचने के उपायों के बारे में-   

जब घर में बिना किसी कारण क्लेश बढ़ने लगे तो इंसान के समझ जाना चाहिए कि उस स्थान पर वास्तु का प्रभाव पड़ चुका है। घर में मनमुटाव होने का प्रमुख कारण आग्नेय कोण का दोषपूर्ण होना है। आग्नेय कोण में पानी नहीं रखना चाहिए। इसके लिए इसी दिशा में हर रोज घी का दीपक जलाना चाहिए और अग्नि कोण में नवग्रह का हवन जरूर किया करें। 

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कई बार इंसान से बेवजह से ही अधिक खर्च होने लग जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का कारण उत्तर दिशा में मौजूद गंदगी है। इस दिशा को वास्तु के हिसाब से हमेशा साफ रखना चाहिए और इसके लिए इस दिशा में मां लक्ष्मी से जुड़ा श्री यंत्र स्थापित करना चाहिए। इसके साथ ही घर के सामने हरी बेलदार पत्तियां लगानी चाहिए। 

अगर घर का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ रहा है तो इसकी वजह नैऋत्य कोण का नीचा होना माना जाता है। कहते हैं कि इस दिशा के मकान को कभी खाली न छोड़ें और पानी की टंकी की साफ-सफाई हमेशा करते रहें। 

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बहुत कोशिशों के बाद भी अगर संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो इसकी वजह पूर्व दिशा मानी गई है। इस दिशा का स्वामी सूर्य होता है और इस दिशा में इस दिशा में टॉयलेट, बॉथरूम, या मकान के सामने कोई बड़ा पेड़ या कोई रोशनी बाधक चीज नहीं होना चाहिए। वरना इससे वास्तु दोष लगता है। इसके समाधान के लिए मुख्य द्वार पर सिंदूर में गाय का घी मिलाकर तिलक करें या ॐ लिखें।

घर का कोई सदस्य अगर छोटी-छोटी बात को लेकर उदास रहता है या परेशान होने लग जाता है तो इसकी वजब ईशान कोण मानी गई है और इसके स्वामी बृहस्पति देव हैं। वैसे तो इस दिशा में रहने वाले लोगों को समाज में मान-सम्मान मिलता है। इसके लिए घर में पूजा-पाठ करवाते रहना चाहिए और मुख्य द्वार को दोष रहित रखना चाहिए। 


 

Lata

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