Vastu Tips For Home: जब घर की रौनक बढ़ानी हो तो वास्तु के इन नियमों का रखें ध्यान

Tuesday, Jan 10, 2023 - 01:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Vastu for home entrance: वास्तुविज्ञान के अनुसार यह माना जाता है कि घर निर्माण शुरू करने से पहले भूमि की ऊर्जा का पता लगाया जाना आवश्यक है कि भूमि किस प्रकार कि है। उसके बाद भूमि पूजा (पृथ्वी की पूजा) करनी चाहिए। यह एक शुभ शुरुआत मानी जाती है और यह आगे की कार्यवाही करने के लिए इसे एक अच्छी शुरुआत समझा जाता है ताकि जिस उद्देश्य से आप भवन का निर्माण करना चाह रहे हैं, आपका वह उद्देश्य निर्विघन पूर्ण हो जाये तथा उस उद्देश्य के पूर्ण होने का सुख प्राप्त हो। जब आप अपने घर का निर्माण कार्य शुरू करते हैं तो यह सबसे अच्छा समय है, जब आपको वास्तु को ध्यान में रखते हुए घर के आउटलुक यानि कि घर की बाहरी संरचना पर वास्तुविज्ञान के अनुरूप बनवाएं ताकि पूरे घर में उर्जा का संचालन सही तरह से हो ताकि जो भी व्यक्ति उस घर में रहते हैं, उनके ग्रहों के प्रभाव के अनुसार ही घर के बाहर से आने वाली उर्जा घर में रह रहे व्यक्तियों के अनुकूल होकर सभी सदस्यों को सकारात्मक रूप से शारीरिक, विचारिक व आर्थिक रूप से स्वस्थ रख सके। वास्तुविज्ञान की संक्षेप शब्दों में व्याख्या करें तो कहा जा सकता है कि - पंच तत्वों का सम्पूर्ण समावेश ही वास्तु कहलाता है। 

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वास्तुविज्ञान न केवल दिशाओं के बारे में है बल्कि यह सामान्य रूप आयाम और लंबाई और भवन की चैड़ाई के बीच माप का अनुपात के बारे में भी है, 1:1 या 1:1.5 या अधिकतम 1:2 का अनुपात होना चाहिए। इमारत की आउटलुक में निर्माण ग्राउंड स्तर पर पूर्व, उत्तर और पूर्वोत्तर की तुलना में पश्चिम, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण में अधिक होना चाहिए। यह उत्तर-पूर्व सबसे कम रखने के लिए बेहतर है।

तल के स्तर का उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व में दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और पश्चिमी हिस्से में उच्च और निम्न होना चाहिए। पानी पूर्व या उत्तर की ओर और अन्य दिशाओं में नहीं बहना चाहिए। मध्य क्षेत्र भी होना चाहिए। जिन जातकों की मेष व वृश्चिक राशि होती है उन्हें अपने घर के बाहर हरे रंग को आउटलुक में अवश्य प्रयोग करना चाहिए ताकि घर में स्वास्थ्य उत्तम रह सके नहीं तो स्किन व डिप्रैशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

मिथुन व कन्या राशि के जातकों को घर की बाहरी आउटलुक में कुछ मात्रा में ऑरेंज, रेड, पीच, सैफ्रोन इत्यादि रंगों का एक निश्चित मात्रा में प्रयोग करने से घर में तनाव व गृहकलेश जैसी समस्याओं से प्राकृतिक रूप से नियंत्रण रहता है। 

वृष व तुला राशि के जातकों को घर के आउटलुक में सफेद व पीले रंग की संरचनाओं के साथ-साथ हवा का संचरण करने के लिए  खिड़की इस प्रकार से रखनी चाहिए ताकि हवा का विचरण पूर्ण घर में आर-पार हो सके। 

कर्क व सिंह राशि के जातकों को पीले, केसरिया व ब्राउन व हल्के पहले रंग की संरचनाओं को घर के आउटलुक में अवश्य प्रयोग करना चाहिए ताकि उन घरों में सकून, सेहत, ज्ञान, सहनशीलता बनी रहे नहीं तो ऐसे जातक अचानक निर्णय लेने वाले हो जाते हैं। जिससे कि घर में बिना वजह कलह कलेश होने के योग बनते रहते हैं। 

धनु व मीन राशि के जातकों को घर के बाहर स्वास्तिक का चिन्ह अवश्य लगाना चाहिए व साथ में ईशान कोण दिशा में एक हरे रंग का पौधा अवश्य रखना चाहिए तथा कुछ मात्रा में हरे रंग की टाईल या पेंट इत्यादि घर की आउटलुक में अवश्य स्थान देना चाहिए ताकि जो ज्ञान में बढ़ोतरी के मार्ग सदा खुले रहें तथा बढ़ोतरी होती रहे। 

मकर व कुम्भ राशि के जातकों का घर अगर पश्चिम दिशा में है तो उन्हें अपने घर की आउटलुक में लाल व ऑरेंज रंग को अवश्य आउटलुक में स्थान देना चाहिए व साथ साथ कोई ज्वलनशील वस्तु घर के बाहर नहीं रखनी चाहिये।  

इसी के साथ-साथ अलग-अलग दिशाओं के भवनों चाहे वे आवासीय हों या व्यवसायिक उनकी आउटलुक का प्रभाव जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

Niyati Bhandari

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