Happy family का घर कैसा होता है, क्या जानते हैं आप ?
Sunday, Jan 27, 2019 - 03:40 PM (IST)
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वास्तु विद्वानों के अनुसार वही परिवार खुशहाल रह सकता है जहां वास्तुशास्त्र के इन नियमों को फॉलो किया जाता है। गणपति या इष्ट-देव की मूर्ति अथवा तस्वीर घर के बाहर तथा अंदर मुख्य दरवाजे पर रखें, लेकिन सड़क की तरफ मुंह करके लगाएं। मूर्तियां दोनों ओर मुंह किए हों। यदि गणपति की एक मूर्ति हो तो उसे दरवाजे के ऊपर अंदर की तरफ लगाएं, इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति में वृद्धि होती है।
मकान चौरस हो, उसकी लंबाई-चौड़ाई समान हो अथवा आयताकार हो, जिसमें लंबाई-चौड़ाई से दुगनी होनी चाहिए।
मकान हवादार अर्थात चारों ओर से खुला हुआ, सूर्य की रोशनी से युक्त हो, मकान की छत ऊंची हो और छत से लगी हुई सीमेंट या लोहे की जालियां हों, ताकि शुद्ध हवा का आना-जाना बना रहे।
भोजन को पकाने का स्थान आग्नेय दिशा में होना चाहिए। इन दिशाओं में स्थित स्थान पर पकाया गया भोजन भली-भांति शरीर को लगता है, खाने वाले की पाचन क्रिया ठीक रहती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
अलमारी जिसमें कपड़े, रकम, धन आदि रखते हैं, उसे उत्तर दिशा में रखें। अलमारी का मुंह दक्षिण दिशा में होने से घर में बरकत होने लगती है।
सीढिय़ों के नीचे शौचालय, बाथरूम कभी नहीं बनाना चाहिए और बिजली की मोटर एवं मीटर इत्यादि भी सीढिय़ों के नीचे न रखें, अन्यथा घर में अशांति का वातावरण रहता है।
घर में संगीत का सामान जैसे तबला, पेटी, ढोलक, सितार इत्यादि फर्श पर न रखें, ऐसा करने से हानि होने लगती है।
पानी की टंकी मकान के मुख्य दरवाजे के ऊपर कभी नहीं रखनी चाहिए। इससे हृदय संबंधी रोग की संभावना रहती है।
ईश्वर, भगवान या इष्ट-देव का स्थान पूर्व या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। वैसे तो ईशान कोण सबसे अच्छा है।
घर में घंटा या घंटी न रखें, अन्यथा आर्थिक रूप से परेशानियां पैदा होने लगती हैं।
मकान की छत साफ रखें। छत पर चौखट, फालतू सामान, उलटा मटका आदि न रखें, अन्यथा दरिद्रता आती है और परेशानियां पैदा होती हैं।
मुख्य दरवाजे के ऊपर बिजली का मीटर न लगवाएं, इससे शुभ कार्य में बाधा आती है।
सोते वक्त सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में या सिर पूर्व दिशा में तथा पैर पश्चिम दिशा में अथवा सिर पश्चिम दिशा में और पैर पूर्व दिशा में रखें।
भूलकर भी सिर उत्तर दिशा में तथा पैर दक्षिण दिशा में करके न सोएं, अन्यथा जातक के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
पानी कभी भी दक्षिण दिशा, आग्नेय कोण में न रखें। घर में अशांति एवं बीमारियां आती हैं।
घर की सीमा में कांटे वाले पौधे कैक्टस, अर्जुन के लंबे वृक्ष, सुरजने की फली वाला वृक्ष न लगाएं, इससे आकस्मिक घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है और परेशानियां पैदा होती हैं।
तुलसी के पौधे अधिक मात्रा में लगाएं, इससे वायु शुद्ध होती है और बीमारियों से बचाव होता है।
सड़क पर मिले पैसों को धोकर पूजा स्थल पर रखकर रोजाना पूजा करनी चाहिए, इससे धन की वृद्धि होने लगती है।
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