घर की खुशहाली के लिए आजमाएं वास्तु शास्त्र के ये खास Tips

Thursday, Nov 26, 2020 - 11:59 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र एक विज्ञान भी है और एक कला भी है। जो लोग वास्तु शास्त्र में विश्वास रखते हैं और घर के वास्तु से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करते हैं, उनके घर में हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा रहती है। खुशियां रहती हैं और समृद्धि रहती है। कुछ लोग वास्तु शास्त्र को एक ढकोंसला,  एक पाखंड कहकर नजरअंदाज करते हैं लेकिन ज्योतिष आचार्य गुरमीत बेदी जी बताते हैं कि वास्तु शास्त्र पूरी तरह से विज्ञान पर आधारित है और इसमें दिशाओं के अनुसार घर और घर में रखे सामान की स्थिति तय की जाती है। यानि घर में कौन सी चीज़ के लिए कौन सा स्थान मुकर्रर होना चाहिए , तय होना चाहिए।

इसके लिए हमें ज्यादा दूर जाने की आवश्यकती भी नहीं है अगर हम 50 साल पहले की भी बात करें तो हमारे बुजुर्ग घर में हर काम के लिए निश्चित जगह का चुनाव करते थे। जैसे खाना बनाने के लिए एक जगह तय की जाती थी, नहाने के लिए स्नानागार या जिसे हम बाथरूम कहते हैं , उसका स्थान अलग होता था। पूजा स्थल का अपना अलग स्थान रखा जाता था और इसी तरह कुछ और कामों और घर में प्रयोग की जाने वाली सामग्रियों की भी एक निश्चित जगह तय होती थी। यह तमाम चीज़ें निश्चित करते हुए दिशाओं का विशेष ध्यान रखा जाता था।

वास्तुशास्त्र के नियम हमारी दिशाओं से जुड़े हुए हैं और पांच तत्वों से भी जुड़ा हुए हैं। हमारा शरीर भी पांच तत्वों से मिलकर बना है। यानि हमारे भीतर भी वही तत्त्व हैं, जो बाहर हैं । वास्तु शास्त्र एक ऐसा विज्ञान है, एक ऐसा ज्ञान है जो दिशाओं के माध्यम से हमें यह बताता है कि कौन सी वस्तु का स्थान किस दिशा में होना चाहिए। तो आइए आपको बताते हैं कि वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ ऐसे टिप्स जिनसे आप के घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा आएगी और खुशियों का संचार होगा।

आमतौर पर जब भी दिशाओं की बात आती है तो मुख्य चार दिशाओं का नाम आता है, पूर्व दिशा, पश्चिम दिशा, उत्तर दिशा और दक्षिण दिशा। परंतु अगर हम वास्तु ज्ञान की बात करें तो वास्तु के अनुसार कुल आठ दिशाएं होती हैं। जिनमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण , ईशान यानि उत्तर-पूर्व,  वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम, अग्नि यानी दक्षिण-पूर्व और नैत्रितय यानि दक्षिण पश्चिम के नाम शामिल हैं। कुछ वास्तु विज्ञानी नव और पाताल को भी इन दिशाओं में शामिल करके कुल 10 दिशाएं मानते हैं।

कहा जाता है यूं तो वास्तु शास्त्र में बहुत से टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर को खुशियों का घर बना सकते हैं। परंचु हम यहां आपको आज केवल इसके कुछ ही टिप्स बताने जा रहे हैं। 

1. पहले टिप्स तो यही है कि घर के मुख्य द्वार के समक्ष कभी भी डाइनिंग टेबल नहीं लगाना चाहिए । डायनिंग एरिया तय करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए कि वह आप के मुख्य द्वार से बिल्कुल सीधा दिखाई ना दे। 

2. अगर आपके घर के दरवाजे पुराने हो गए हैं और उन्हें खोलने या बंद करते समय उनमें से आवाज आती है तो यह शुभ नहीं होता ।इसलिए उन्हें समय पर तेल डालकर ठीक करवाते रहें।

3. घर में उत्तर पूर्व दिशा को जितना हो सके, उतना खुला छोड़ दें।  इस दिशा में ज्यादा कंस्ट्रक्शन नहीं किया जाना चाहिए।

4. घर का टॉयलेट और बाथरूम का जब आप उपयोग नहीं कर रहे हैं तो उनके दरवाजे को बंद रखना चाहिए । बाथरूम का दरवाजा बेवजह खुला छोड़ने से घर में नेगेटिव एनर्जी फैलती है।

5. साफ सफाई में उपयोग होने वाले सारे उपकरण जैसे झाड़ू पोछा वगैरह को घर की रसोई में बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए।

6. किचन में शीशा या उसके दीवार पर भी शीशा नहीं लटकाना चाहिए। रसोई में शीशा लगाना वास्तु शास्त्र के मुताबिक शुभ नहीं माना जाता।

7. पूजा घर और बाथरूम का स्थान आस-आस पास नहीं होना चाहिए और अगर आपके घर में ऐसा है तो पूजा घर का स्थान आपको थोड़ा चेंज कर लेना चाहिए।

8. इस बात का भी ध्यान रखें कि घर के मुख्य द्वार पर रोशनी में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। मुख्य द्वार पर छोटे-छोटे नहीं बल्कि बड़े-बड़े लाइट लगाएं।

9. अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए रोज सोते समय अपने सर के पास लेकर तांबे के पात्र में जल भरकर रखें। इससे आपको पॉजिटिव एनर्जी महसूस होगी।

10. घर में कभी भी किसी भी दीवार पर कोई ऐसी तस्वीर ना लगाएं जो नेगेटिव एनर्जी को आमंत्रित करती हो या न्योता देती हो । हरियाली वाली तस्वीरें लगाना घर में खुशहाली लाता है।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

Jyoti

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