Main gate के पास सजाएं ये सामान, नकारात्मक शक्तियां जाएंगी भाग

Wednesday, Feb 02, 2022 - 03:01 PM (IST)

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Vastu Tips For entrance: घर में सभी सदस्य सुखी और संपन्न रहें, उनके बीच तालमेल भी बना रहे।  इसके लिए घर के मुख्य दरवाजे पर कई तरह की शुभ चीजें लगाने से सकारात्मकता बनी रहती है। नकारात्मक शक्तियां निर्बल हो जाती हैं। वास्तु के अनुसार घर में किसी भी समस्या का संबंध प्रवेश द्वार यानी मुख्य द्वार से ही होता है, जिसका असर धीरे-धीरे बाकी चीजों पर नजर आने लगता है। कुछ सरल उपाय अपनाकर आप भी अपने घर का वास्तु सुधार सकते हैं। मुख्य द्वार पर रखें ये सामान, परिवार में बनी रहेगी सकारात्मकता-

मंगल कलश : कलश का संबंध सम्पन्नता से होता है। यह शुक्र और चंद्र का प्रतीक है। कलश की स्थापना मुख्य रूप से दो जगहों पर की जा सकती है, मुख्य द्वार पर और पूजा स्थान पर। मुख्य द्वार पर रखने वाले कलश का मुख चौड़ा और खुला होना चाहिए। इसमें पर्याप्त पानी भरकर रखना चाहिए। हो सके तो फूलों की कुछ पंखुडिय़ां इसमें डाल कर रखनी चाहिएं। मुख्य द्वार पर जल से भरा कलश रखने से घर में संपन्नता आती है। किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती।

वन्दनवार :  किसी भी मंगल कार्य या उत्सव से पूर्व मुख्य द्वार पर बंदनवार लगाया जाता है। आम के पत्तों का वन्दनवार सबसे अच्छा माना जाता है। इसे मंगलवार को लगाना सर्वोत्तम होता है।

आम के पत्ते : आम के पत्तों में सुख को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इसके पत्तों की विशेष सुगंध से मन की चिंता भी दूर होती है। बाहर की ओर लगाने से घर में धन का अभाव होगा और दरिद्रता बढ़ेगी। अंदर की ओर लगाने से बाधाओं का नाश होगा और हर कार्य में सफलता मिलेगी।

स्वस्तिक : चार भुजाओं से बनी हुई एक विशेष तरह की आकृति है स्वस्तिक। आम तौर पर किसी जगह की ऊर्जा को बढ़ाने-घटाने या संतुलित करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं। इसका गलत प्रयोग आपको मुश्किल में डाल सकता है और सही प्रयोग आपको जीवन की तमाम समस्याओं से निकाल सकता है। लाल और नीले रंग का स्वस्तिक विशेष प्रभावशाली माना जाता है। घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर लाल स्वस्तिक लगाने से घर के वास्तु और दिशा दोष दूर होते हैं। मुख्य द्वार के ऊपर बीचों-बीच नीला स्वस्तिक लगाने से घर के लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

गणेश जी का मुख : घर में खुशहाली और शुभता लाने के लिए लोग मुख्य द्वार पर गणेश का चित्र या मूर्ति लगाते हैं परंतु गणेश जी का चित्र बिना नियम और जानकारी के लगाने से मुश्किलें बढ़ जाती हैं। गणेश जी की पीठ की ओर दरिद्रता होती है तथा पेट की ओर संपन्नता। अत: जब भी मुख्य द्वार पर गणेश जी लगाएं, उन्हें अंदर की ओर लगाएं।

घोड़े की नाल : इसका सीधा संबंध शनि से है। इसका प्रयोग आम तौर से शनि संबंधी घर की समस्याओं में करते हैं। उसी घोड़े की नाल का प्रयोग करना उत्तम होता है, जो घोड़े के पैर में पहले से लगी हो। एकदम नई, बिना इस्तेमाल की हुई नाल, कोई प्रभाव उत्पन्न नहीं करती। शुक्रवार को नाल लाएं, उसे सरसों के तेल में रात भर डुबो दें। शनिवार को नाल निकाल कर घर के मुख्य द्वार पर लगा दें। ऐसा करने से घर के सभी लोगों का शनि ठीक रहेगा, घर का संकट और क्लेश दूर होगा।

Niyati Bhandari

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