Vastu Tips For Door Bells: इस तरह की डोर बेल से बुरी शक्तियां जाती हैं भाग

Friday, Apr 07, 2023 - 11:21 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Home Doorbell Vastu tips: इस पूरे ब्रह्मांड का सबसे प्राचीन ग्रंथ श्री भृगु संहिता जो कि ताम्रपत्र पर लिखित और सुल्तानपुर लोधी स्थित है। उसमें यह स्पष्ट तौर पर लिखा हुआ है कि इस पूरे ब्रहमांड की रचना ध्वनि से ही हुई है और इस ब्रहमांड का पहला शब्द ओउम है। ओउम में ही पूरा ब्रह्मांड समाया है और पूरे ब्रह्मांड में ओउम की ध्वनि समायी हुई है। हमारा आज का आधुनिक विज्ञान भी यह प्रमाणित कर चुका है कि जब भी ओउम नाम की ध्वनि का उच्चारण किया जात है तो इसका हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर एक दिव्य सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो कि हमारे शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अति आवश्यक है। जिस प्रकार से ध्वनि का प्रभाव हमारे मन, मस्तिष्क पर पड़ता है तो हमारा शरीर एवं व्यवहार भी उसी के अनुरूप ही व्यवहार करना आरम्भ कर देते हैं। इसलिये हमारे आस-पास विभिन्न प्रकार की घ्वनियां हैं, जिनका हमारे ऊपर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक एवं सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिनमें से प्रमुख है घर के बाहर लगी डोरबेल। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

Vastu Tips For Door Bell: घर में डोरबेल लगाते समय आपको वास्तुविज्ञान के कुछ नियमों के बारे में भी जानना चाहिए। अगर डोरबेल को सही तरह से लगाया जाए तो इससे आपकी लाइफ की कई प्रॉब्लम्स को आसानी से दूर किया जा सकता है और घर के वातावरण को काफी हद तक सुखद बनाया जाता है। डोरबेल भी आपके घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार करती है। बाजार में विभिन्न प्रकार के साउंड वाली डोरबेल उपलब्ध हैं अगर आप घर में किसी भी प्रकार के मंत्रों की घ्वनि वाली डोरबेल लगाते हैं तो उसे अपने घर के दक्षिणी पूर्वी दीवार के पूर्व दिशा में लगायें। 

Vastu tips on the placement of door bell: अगर आपने अपने घर के लिए ऐसी डोरबेल को चुना हैं, जिसमें पंछियों की आवाज है या फिर कोई मधुर ध्वनि है लेकिन उसका संबंध धार्मिक घ्वनियों से नहीं है तो आप उसे घर के अंदर दक्षिण पूर्व की दीवार के अलावा उत्तर पश्चिम की दिशा में भी लगा सकते हैं। उत्तर पश्चिम वायु की दिशा होती है और इसलिए उस दिशा में अंदर की डोरबेल को लगाया जा सकता है। 

जब भी डोरबेल मेन गेट पर लगायें तो यह घ्यान रहे कि डोरबेल का स्विच आप ऐसे लगायें कि आने वाले व्यक्ति हमेशा अपने राईट हैंड से ही डोरबेल बजाये क्योंकि अगर आप उसे लेफट हैंड साईड पर लगाऐंगे और आने वाले व्यक्ति पर नकारात्मकता का प्रभाव है तो नेगेटिव एनर्जी का घर में भी प्रवाह हो जाता है। इसीलिए डोरबेल का स्विच लगाते समय इस सावधानी का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। 

डोरबेल कभी भी ड्राइंग रूम या लॉबी के ईशान कोण या नैऋत्य कोण में नहीं लगाना चाहिए। वहीं, इसके अलावा दक्षिण पश्चिम दिशा में भी डोरबेल को लगाना अच्छा नहीं माना जाता है।

किसी भी डोरबेल को लगाने से पहले आपको उसके साउंड को ध्यान से सुनना चाहिए क्योंकि अगर किसी बेल का साउंड तीखा या किसी भी प्रकार से आपको इरिटेट करने वाला हो तो उसे न लगायें। आपको हमेशा ऐसे साउंड वाली डोरबेल को सलेक्ट करना चाहिए, जिसकी साउंड मधुर हो तथा आपको सकून देने वाली हो। डोरबेल को हमेशा पूजा स्थान से दूर रखें ताकि पूजा करने के दौरान आपका ध्यान भंग न हो। वास्तुविज्ञान के अनुसार घर की डोर बेल जमीन से कम से कम पांच फीट की ऊंचाई पर होनी चाहिए। 

डोरबेल घर की नेम प्लेट से ऊपर होनी चाहिए। माना जाता है कि इससे परिवार के मुखिया का यश और कीर्ति हमेशा बढ़ती रहती है। साथ ही इस स्थिति से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इससे घर में खुशियों का भी आगमन होता है, जिससे परिवार के लोग आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। अगर नेमप्लेट और डोर बेल में दोष है तो बिना बात के घर में कड़वाहट हो सकती है। 

इसी के साथ अलग-अलग जातकों के ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही डोरबेल के साउंड का जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

Niyati Bhandari

Advertising