घर का ये हिस्सा लाता है परिवार में सुख समृद्धि, जानें इस जगह से जुड़े वास्तु टिप्स

Wednesday, Dec 23, 2020 - 11:35 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र एक विज्ञान भी है और एक कला भी है । जो लोग वास्तु शास्त्र में विश्वास रखते हैं और घर के वास्तु से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करते हैं , उनके घर में हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा रहती है । खुशियां रहती हैं और समृद्धि रहती है। कुछ लोग वास्तु शास्त्र को एक ढकोसला,  एक पाखंड कहकर नजरअंदाज करते हैं लेकिन मैं इस पोस्ट में आपको यह बताना चाहूंगा कि वास्तु शास्त्र पूरी तरह विज्ञान पर आधारित है और इसमें दिशाओं के अनुसार घर और घर में रखे सामान की स्थिति तय जाती है। यानि घर में कौन सी चीज के लिए कौन सा स्थान मुकर्रर होना चाहिए, तय होना चाहिए। वास्तु शास्त्र, ज्योतिष और हमारे शास्त्रों के मुताबिक हमारी रसोई यानि किचन कैसी होनी चाहिए। किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा यानी (आग्नेय-कोण) को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।  आग्नेय कोण का स्वामी अग्नि होता है। स्वामी अग्नि होने के कारण रसोई का इस दिशा में बनाना अत्यंत शुभ माना जाता हैं।

अगर आग्नेय कोण में जगह नहीं हो तो आप विकल्प के रूप में वायव्य (उत्तर-पश्चिम) दिशा में भी आप रसोई को बना सकते हैं। मगर वास्तु शास्त्र के अंदर आग्नेय कोण में बनी रसोई को ही श्रेष्ठ माना जाता है। लेकिन भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं रखनी चाहिए। यहाँ किचन का होना एक बड़ा वास्तु दोष है। इस दिशा में किचन होने से व्यक्ति अपनी टैलेंट  का इस्तेमाल नहीं कर पाता है जिस वजह से उसके करियर में स्टेबिलिटी यानी स्थायित्व नहीं आ पाता। घर-परिवार में कलह भी रह सकती है। रसोई का इस दिशा में होना घर में अनावश्यक खर्चों को बड़ा सकता है।

रसोई घर में चूल्हा आग्नेय कोण में रखना चाहिए और खाना पकाने  वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना भी आवश्यक है, इससे धन की वृद्धि तथा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

टोस्टर,गीजर या माइक्रोवेव,ओवन आग्नेय कोण में रखना ज्यादा लाभदायक रहता है।

मिक्सर,आटाचक्की,जूसर आदि आग्नेय कोण के निकट दक्षिण में रखना शुभ माना गया है।

यदि रेफ्रीजिरेटर रसोई में रखना है तो इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें, ईशान या नैऋत्य कोण पर कभी नहीं रखना चाहिए।

सिंक रसोई घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि पानी के बिना खाना नहीं बन सकता है और जूठे बर्तन नहीं धो सकते हैं। सिंक को ईशान(उत्तर-पूर्व) कोण में होना चाहिए।

रसोई घर में प्रयोग होने वाले खाद्द्य पदार्थ जैसे आटा, चावल, दाल आदि पश्चिम दिशा या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। जिससे वस्तुओं में कभी भी कमी नहीं आती है, बरकत ही बरकत होती है।

एग्ज़ॉस्ट फैन को रसोईघर की पूर्वी दीवार पर लगाना श्रेष्ठ रहता हैं। यानि आप जिस तरफ खिड़की बना रहे है ठीक उसके ऊपर एग्ज़ॉस्ट फैन लगा ले तो सोने पर सुहागा।

रसोईघर में पत्थर का स्लैब पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए जिससे गृहिणी का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में रहता हैं।

वास्तु अनुसार रसोई का दरवाजा ईशान कोण में होना श्रेष्ठकर माना गया हैं।

वास्तु के अनुसार रसोई की दीवारों का रंग हल्का नांरगी के साथ क्रीम कलर करवाना शुभता में वृद्धि करता है । रसोईघर में काले और नीले रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।  काले रंग के प्रयोग से किचन में नकारात्मक ऊर्जा यानी नेगेटिव एनर्जी का निवास हो जाता है । साथ ही घर में आर्थिक हानि होने की भी संभावना बढ़ जाती है। अगर आप के किचन में पहले से काले रंग का पत्थर लगा हुआ है तो आप इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए किचन में  स्वास्तिक चिन्ह बना सकते हैं। इससे वहां का वातावरण सकारात्मक हो जाएगा।

रसोइ घर में टूटे फूटे बर्तन या झाडू कभी न रखें।

अगर आप मॉड्यूलर किचन बना रहे हैं तो किसी वास्तुशास्त्री की सलाह जरूर ले लें।

रसोई घर के पास बाथरूम या शौचालय तो कभी भी ना बनाएं।

रसोई घर में पूजा का स्थान बनाना शुभ नहीं होता।

रसोई घर में किचन स्टैंड के ऊपर सुंदर फलों और सब्जियों के चित्र लगाएं। 

किचन में दवाईयां भी कभी न रखें। 


 

Jyoti

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