घर की खिड़कियां भी जीवन में पैदा करती हैं वास्तु दोष!

Tuesday, Dec 08, 2020 - 04:13 PM (IST)

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वास्तु शास्त्रियों का मानना है कि जीवन में वास्तु दोष कभी भी किसी भी प्रकार पैदा हो सकता है। जी हां, इसके जीवन में उत्पन्न होने का कोई समय निर्धारित नहीं होता। बल्कि कहा जाता है घर हो या दुकान कहीं सभी वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि घर की खिड़कियों से भी कैसे वास्तु दोष पैदा हो सकता है। दरअसल वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि घर में खिड़कियां किस दिशा में होनी चाहिए इस बारे में पता होना बेहद ज़रूरी होता है। क्योंकि गलत दिशा की खिड़कियां घर में वास्तु दोष तो पैदा करती ही हैं साथ ही साथ वहां के सदस्यों का भाग्य दुर्भाग्य में बदल जाता है। तो वीहं अगर इनकी दशा-दिशा सही हो तो घर के सदस्यों का भाग्य खुल जाता है। इसलिए हर किसी के लिए ये जानना ज़रूरी होता है कि खिड़कियां की सही दिशा क्या होनी चाहिए। तो आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर की खिड़कियां कैसी होनी चाहिए- 

वास्तु के अनुसार पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण करवाना शुभ होता है।
जिन लोगों के घर में उत्तर दिशा हिस्से में खिड़कियां होती हैं, वहां धन और समृद्धि के द्वार हमेशा खुले रहते हैं। 
खिड़कियों का दक्षिण दिशा में होना शुभ नहीं माना जाता, इससे वहां रह रहे लोगों को रोग और शोक की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि इसे वास्तु के अनुसार यम की दिशा माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि घर ये दिशा शुभ नहीं मानी जाती, इस दिशा की ओर व्यक्ति को मोटा पर्दा लगाकर रखना चाहिए। साथ ही साथ ये भी बताया जाता है कि नैऋत्य कोण में भी खिड़की नहीं होनी चाहिए। 

इसके अलावा वास्तु शास्त्री कहते हैं घर के संधि भाग में खिड़कियां नहीं होनी चाहिए। 
ज्यादातर खिड़कियां घर के द्वार के सामने होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होती रहे।
साथ ही साथ इस बात का भी ख्याल रखें कि मकान में खिड़कियों की संख्या हमेशा बराबर होनी चाहिए, अर्थात सम संख्या में होनी चाहिए।
घर की खिड़कियों को हमेशा अच्छे से सजाकर और पर्दे से ढंका हुआ रखना चाहिए। ध्यान रहे इसके आस-पास बेलबुटे वाले चित्र, रंगोली या मंडने वाली चित्र ज़रूर होने चाहिए। 
खिड़कियों के साथ-साथ घर के दरवाज़ों का भी एक समान ऊंचाई पर होना आवश्यक होता है। ध्यान दें घर की उत्तर दिशा में जो दरवाजा होता है वह हमेशा लाभकारी होता है। ऐसे में इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की, बालकनी और दरवाज़े होना चाहिए। 
वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं खिड़किया दो पल्ले वाली होनी चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए, बाहर की ओर नहीं।

Jyoti

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