रोटी ही नहीं आपका भाग्य भी बनाता है चकला-बेलन, जानना है कैसे तो क्लिक करें

Tuesday, Jun 02, 2020 - 02:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
किचन में उपयोग होने वाले ऐसे बहुत से उपकरण हैं जिनका संबंध वास्तु शास्त्र से बताया गया है। इनमें से बहुत से उपकरणों के बारे में तो आप जानते होंगे। मगर किचन में उपयोग होने वाली जिस खास वस्तु के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में शायद ही आप में से कोई जानता होगा। आपकी उत्सुकता को बढ़ाते हुए आपको बताते हैं हम बात करते हैं चकला और बेलन की। ये किचन में इस्तेमाल होने वाली वह वस्तु है जो हर किसी के घर में होती ही है। मगर क्या आप जानते हैं इसका वास्तु से बहुत सोलिड कनेक्शन है। जी हां, कहा जाता है इसका प्रयोग न केवल रोटी बनाने के लिए किया जाता है बल्कि इससे घर की सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। तो चलिए आपको बताते हैं कैसे-

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि चकला-बेलन किचन के साथ-साथ पूरे घर की सुख-समृ्द्धि में अपना खास योगदान देता है। इसलिए इस खरीदते समय कुछ खास बातों को ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र की मानें तो इसे खरीद ने से पहले मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। बताया जाता है अगर लकड़ी का चकला खरीदना हो तो इसे पंचक, मंगलवार या शनिवार के दिन कभी नहीं खरीदना चाहिए। इसके अलावा बुधवार के दिन लकड़ी या पत्‍थर का चकला-बेलन खरीदा जा सकता है, काफी शुभ साबित होता है। कहा जाता है इस दिन चकला-बेलन खरीदने से घर की सुख-समृद्धि बढ़ती है।

कुछ महिलाएं रात में रोटी बनाने के बाद चकला-बेलन बिना धोए यूं ही रख देती हैं। वास्तु के अनुसार रात में सोने से पहले चकला-बेलन अच्छी तरह से धोकर रखना चाहिए। जिस घर में इसे निरंतर साफ़ नहीं करते, वहां पर‍िवार के लोगों की सेहत अक्सर खराब रहती है। 

साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि चकला-बेलन हमेशा सुखाकर ही रखें और इसे कभी भी उलटा करके नहीं रखना चाहिए। इससे घर में वास्‍तु दोष उत्पन्न होता है। इसके अलावा कभी भी इसे बर्तनों के बीच में या फिर आटे-चावल रखने वाले ड‍िब्‍बों या ड्रमों के ऊपर भी न रखें। इससे धन हानि होती है। साथ ही परिवार में मतभेद भी बढ़ते हैं।

Jyoti

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