Vastu Shastra से जानिए कैसे लाएं जीवन में समृद्धि?

Sunday, Oct 24, 2021 - 12:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वास्तु शास्त्र में न केवल जीवन में पैदा होने वाल वास्तु दोषों के बारे में वर्णन किया गया है। बल्कि इसमें इन वास्तु दोष को दूर करने के समाधान भी दिए गए हैं। तो आइए जानते हैं वास्तु दोष से पैदा होने वाले समस्याओं व उनके राहत पाने के लिए क्या समाधान करने चाहिए। 

अपने वंश की उन्नति के लिए घर के मुख्य द्वार पर अशोक के वृक्ष दोनों तरफ लगाएं।
यदि आपके मकान में उत्तर दिशा में स्टोररूम है तो उसे यहां से हटा दें। इस स्टोर रूम को अपने घर के पश्चिम भाग या नैऋत्य कोण में स्थापित करें।
धारण करना चाहिए।

यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिणमुखी है तो यह भी मुखिया के लिए हानिकारक होता है। इसके लिए  मुख्य द्वार पर श्वेतार्क गणपति की स्थापना करनी चाहिए।

अपने घर के ईशान कोण में स्थित पूजा-घर में अपनी बहुमूल्य वस्तुएं नहीं छिपानी चाहिए।

पूजाकक्ष की दीवारों का रंग सफेद हल्का पीला अथवा हल्का नीला होना चाहिए।

यदि आपके रसोई घर में रैफ्रिजरेटर नेऋत्य कोण में रखा है तो इसे वहां से हटाकर उत्तर या पश्चिम में रखें।

यदि घर में जल निकालने का स्थान/बोरिंग गलत दिशा में हो तो भवन में दक्षिण-पश्चिम की ओर मुख किए हुए पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर लगाएं।

यदि आपके भवन के ऊपर से विद्युत तरंगे (उच्च संवेदी) तार गुजती हों तो इन तारों से प्रवाहित होने वाली ऊर्जा का घर से निकलने वाली ऊर्जा से प्रतिरोध होता है। इस प्रकार के भवन में ङ्क्षनबुओं से भरी प्लास्टिक पाइप को फर्श से सटाकर या थोड़ा जमीन में गाड़कर घर के इस पार से उस पार बिछा दें। निंबुओं से भरी पाइप दोनों और कम से कम तीन फुट बाहर निकलती रहे।

यदि भवन में प्रवेश करते ही सामने खाली दीवार पड़े तो उस पर भावभंगिमापूर्ण गणेश जी की तस्वीर लगाएं या स्वास्तिक यंत्र का प्रयोग करके घर के ऊर्जा वृत्तों को बढ़ाया जा सकता है।

अगर टायलट घर के पूर्वी कोने में है तो टॉयलट सीट इस प्रकार लगवाएं कि उस पर उत्तर की ओर मुख करके बैठ सकें या पश्चिम की ओर।

इस प्रकार घर की नकारात्मक ऊर्जा की जगह सकारात्मक ऊर्जा ले लेगी और सारे वास्तु दोष भी दूर हो जाएंगे। फिर आप जिस कार्य में हाथ डालेंगे, आपको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। वास्तु के अनुसार निम्र बातों का ध्यान भी अवश्य रखें:
घर के प्रवेश द्वार पर स्वस्तिक की आकृति लगाने से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

जिस भूखंड या मकान पर मंदिर की पीठ पड़ती है, वहां रहने वाले दिन-ब-दिन आर्थिक व शारीरिक परेशानियों में घिरते रहते हैं।

समृद्धि की प्राप्ति के लिए नार्थ-ईस्ट दिशा में पानी का कलश अवश्य रखना चाहिए।

अशुद्ध वस्त्रों को घर के प्रवेश द्वार के मध्य में नहीं रखना चाहिए।

वास्तु के अनुसार रसोईघर में देवस्थान नहीं होना चाहिए।

घर में देवस्थान की दीवार से शौचालय की दीवार का सम्पर्क नहीं होना चाहिए।
 

Jyoti

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