Vastu Shastra For Home: घर-आंगन की सुंदरता के साथ बढ़ेंगी खुशियां

Monday, May 09, 2022 - 11:30 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                

Vastu Shastra For Home: हर व्यक्ति अपने घर को खूबसूरत रखना चाहता है। करीने से सजा हुआ घर व्यक्तित्व को चार चांद लगा देता है, सुंदर घर सभ्य होने का सबूत है। आज के युवा ड्राइंग रूम और लिविंग रूम को सजाने में काफी दिलचस्पी लेने लगे हैं। घर को सजाना कोई फैशन नहीं है बल्कि एक जरूरत है। हम यहां वास्तु दोष के निवारण के उपाय दे रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर के वास्तु दोषों को दूर करके यहां मंगलमय वातावरण बना सकते हैं। घर में वास्तु दोष होने पर उचित यही होता है कि उसे वास्तु शास्त्र के अनुसार ठीक कर लें और यथासंभव घर के अंदर तोड़-फोड़ न करें क्योंकि इससे वास्तुभंग का दोष होता है। यदि हम घर की सजावट रंग-रोगन आदि ज्योतिष एवं वास्तु के नियमों के अनुसार करें तो घर की सुंदरता तो बढ़ेगी ही, हमारे घर-आंगन में खुशियां भी भर जाएंगी।

पूजा घर में फर्श के लिए हल्के पीले या सफेद रंग के संगमरमर का उपयोग श्रेष्ठ है।

कक्ष की दीवारों या पर्दों का रंग भी सफेद, हल्का पीला, हल्का क्रीम, हल्का आसमानी रखें। हल्का नारंगी, केसरिया या भगवा रंग भी अच्छा लगता है। इन रंगों का इस्तेमाल करने से पूजा घर का वातावरण शुभ व कल्याणप्रद होता है।

माता लक्ष्मी को बिल्व पत्र एवं कमल पुष्प अति प्रिय हैं। इस पुष्प से आप अपने पूजा घर को सजा सकते हैं।

यदि नीचे दिए जा रहे उपाय करें और वास्तु दोष का निवारण स्वयं करें लेकिन फिर भी इन उपायों से कुछ लाभ न हो तो अपने किसी विश्वसनीय वास्तुशास्त्री से परामर्श करें।

घर में अखंड पाठ से 9 बार श्री रामचरित मानस का पाठ करने से वास्तु दोष का निवारण होता है।

घर में 9 दिन तक अखंड कीर्तन करने से वास्तुजनित दोषों का निवारण होता है। 

मुख्य द्वार के ऊपर सिंदूर से नौ अंगुल लम्बा और नौ अंगुल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और जहां भी वास्तु दोष है, वहां इस चिन्ह का निर्माण करें, वास्तु दोष का निवारण हो जाता है।

रसोईघर गलत स्थान पर हो तो अग्रिकोण में एक बल्ब लगा दें और सुबह-शाम इसे अनिवार्य रूप से जलाएं।

द्वार दोष और वेध दोष दूर करने के लिए शंख, सीप, समुद्री झाग, कौड़ी लाल कपड़े में या मौली में बांधकर दरवाजे पर लटकाएं।

बीम के दोष को शांत करने के लिए बीम को सीङ्क्षलग टाइल्स से ढंक दें। बीम के दोनों और बांस की बांसुरी लगाएं।

घर के दरवाजे पर घोड़े की नाल (लोहे की) लगाएं। यह अपने आप गिरी हुई होनी चाहिए।

घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर एक ओर केले का वृक्ष तथा दूसरी ओर तुलसी का पौधा गमले में लगाएं।

दुकान की शुभता बढ़ाने के लिए प्रवेश द्वार के दोनों ओर गणपति की मूर्ति या स्टिकर लगाएं। एक गणपति की दृष्टि दुकान पर पड़ेगी, दूसरे गणपति की बाहर की ओर।

यदि दुकान में चोरी होती हो या अग्रि लगती हो तो भीम यंत्र की स्थापना करें। यह यंत्र पूर्वोत्तर कोण या पूर्व दिशा में, फर्श से नीचे दो फुट गहरा गड्ढा खोदकर स्थापित किया जाता है।

यदि प्लाट खरीदे हुए बहुत समय हो गया हो और मकान बनने का योग न बन रहा हो तो उस प्लाट में अनार का पौधा पुष्य नक्षत्र में लगाएं।

फैक्टरी-कारखाने के उद्घाटन के समय चांदी का सर्प पूर्व दिशा में जमीन में स्थापित करें।

अपने घर के उत्तर के कोण में तुलसी का पौधा लगाएं।

हल्दी को जल में घोल कर एक पान के पत्ते की सहायता से अपने सारे घर में छिड़काव करें। इससे घर में लक्ष्मी का निवास तथा शांति भी बनी रहती है।

घर में सफाई हेतु रखे झाड़ू को रास्ते के पास न रखें। यदि झाड़ू को बार-बार पैर का स्पर्श होता है तो यह धन-नाश का कारण बनता है। झाड़ू के ऊपर कोई वजनदार वस्तु भी न रखें।

वास्तु दोष के कारण यदि घर में किसी सदस्य को रात में नींद नहीं आती या स्वभाव चिड़चिड़ा रहता हो तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके शयन कराएं। इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा।

घर के उत्तर-पूर्व में कभी भी कचरा इकट्ठा न होने दें और न ही इधर-उधर भारी मशीनरी रखें।

Niyati Bhandari

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