घर में Stairs बनवाने से पहले जान लें वास्तु के ये नियम

Sunday, Sep 08, 2019 - 04:41 PM (IST)

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वास्तु के अनुसार घर के हर हिस्से के लिए अलग नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि आती है। इसी तरह घर की सीढ़ियों के लिए वास्तु में अलग ही नियम हैं। कहते हैं कि अगल वास्तु के हिसाब से सीढ़ियां बनाई जाए तो घर के हर सदस्य को उसके काम में तरक्की मिलती है। चलिए आगे जानते हैं सीढ़ियां किस दिशा में होनी चाहिए और कहां नहीं। 

जो लोग पूर्व दिशा की ओर से सीढ़ी बनवा रहे हों उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी हुई नहीं हो। 

सीढ़ी के लिए नैऋत्य यानि दक्षिण पश्चिम दिशा उत्तम होती है। इस दिशा में सीढ़ी होने पर घर प्रगति ओर अग्रसर रहता है। 

वास्तुशास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व यानि ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य की हानि, नौकरी एवं व्यवसाय में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

दक्षिण पूर्व में सीढ़ियों का होना भी वास्तु के अनुसार नुकसानदेय होता है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य उतार-चढ़ाव बना रहता है।

जो लोग खुद ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं और किरायेदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे किरायेदार दिनोंदिन उन्नति करते और मालिक की परेशानी बढ़ती रहती है।

सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाएं। इसके साथ ही सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखें।

मिट्टी के बर्तन में बरसात का जल भरकर उसे मिट्टी के ढक्कन से ढंक दें। इसे सीढ़ी के नीचे मिट्टी में दबा दें।

Lata

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