क्या आप भी रखते हैं मंदिर में फूल तो आपके लिए फायेदमंद हो सकती है ये जानकारी

Wednesday, May 11, 2022 - 06:47 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आप में से लगभग लोगों को पता होगा हिंदू धर्म में होने वाले तमाम पूजा-पाठ में फूल, अक्षत, जल, नारियल और राख जैसी चीजों का इस्तेमाल तो होता ही है। पूजा के बाद इनमें से कई सारी सामग्रियां ऐसी भी होती हैं जो बच भी जाती हैं। जैसे कि ताजे फूलों को पूजा में हमेशा रखा जाता है। इसका कारण यह है कि फूल की सुगंध और सुन्दरता पूजन करने वाले के मन को सुन्दरता और शांति का एहसास दिलाती है। ऐसा माना जाता है कि जब पूजा में इसका उपयोग किया जाता है, तो फूल अद्धुत ऊर्जा का सृजन पूरे घर में करते हैं और इससे घर में खुशियों का आगमन होता है। जबकि इसके विपरीत मुरझाये फूल मृत्यु के सूचक माने जाते हैं। ज्यादातर लोग इसे फैंक देते हैं जो कि सरासर पाप माना जाता है। ऐसा करने से देवी देवता रुष्ठ हो जाते हैं। कहते हैं कि देवी-देवता की पूजा से बचे हुए अक्षत व अन्य सामग्री को कभी भी नदी में भी प्रवाहित नहीं करना चाहिए। ऐसे में सवाल उठता है आखिर इन चीजों का करें क्या ? तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि पूजा में प्रयोग हुई सामग्री का क्या करना चाहिए तो आगे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए। 

अक्षत यानि चावल  इसका प्रयोग हर पूजा में किया जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार अक्षत को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे पूजा के बाद नदी में बहाने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है। ऐसे में इसे एक लाल रंग के कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगेगी।

देवी-देवताओं की पूजा में नारियल का इस्तेमाल भी खूब होता है। कहते हैं कि पूजा के बाद इस नारियल को फोड़कर प्रसाद के रूप में बांट देना चाहिए। और अगर प्रसाद के रूप में नारियल को बांटना संभव ना हो तो इसे हवन कुंड में होम भी किया जा सकता है। इसके अलावा लाल या सफेद रंग के कपड़े में नारियाल को बांधकर इसे पूजा स्थल में भी रखा जा सकता है। मान्यता है कि ऐसा करना बहुत ही शुभ होता है।

इसके अलावा पूजा-पाठ में फूल का इस्तेमाल किया जाना आम बात है। पूजा के बाद अक्सर फूल या फूलों की माला बच जाती है। कहते हैं कि इसके घर के मुख्य दरवाजे पर बांध देना चाहिए। फूल यदि मुरझा जाएं तो इन्हें गमले या बगीचे में फैला देना चाहिए। इसके अलावा पूजा में इस्तेमाल हुई चुनरी को घर की तिजोरी में रखा जा सकता है। इसके साथ ही पूजा में इस्तेमाल हुए कलावे को हाथ में बंधवा लेना चाहिए। बता दें, कि पूजा के बाद बची हुई रोली को घर की महिलाएं अपनी मांग में लगा सकती हैं।

बताते चलें, हवन–पूजन के बाद बची हुई सामग्री और भस्म यानी राख आदि का न तो कहीं जल में विसर्जन करना चाहिए और न ही कूड़े में फेंकना चाहिए। यदि इन दोनों में से कोई भी तरीका अपनाया जाता है तो वह पाप का भागी बनने जैसा है। ऐसे में बची हुई हवन सामग्री या भस्म को कहीं कच्ची जगह पर छोटा सा गड्ढा खोदकर दबा देना चाहिए। इससे मिट्टी का हिस्सा मिट्टी में ही मिल जाएगी और आप अनजाने पाप से बच जाएंगे।

Jyoti

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