घर में बुरी शक्तियों की दस्तक को रोकती हैं यह चीज़ें !
Saturday, Apr 25, 2020 - 11:51 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिन्दू सभ्यता में प्राकृतिक शक्तियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए घर के स्वरूप का निर्धारण करने तथा उसकी साज-सज्जा करते समय कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखा जाता है। घर के सदस्यों के बीच तालमेल बिठाने व शांति का माहौल बनाने के लिए प्राय: आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि घर में ये चीजें रखनी चाहिएं तथा ये चीजें नहीं रखनी चाहिएं। भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि वास्तुसम्मत चीजों को घर में रखा जाए तो घर में धन, समृद्धि तथा खुशियां आती हैं लेकिन कुछ चीजों को वास्तु के अनुसार घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि वे नकारात्मक ऊर्जा तथा दुर्भाग्य का सूचक होती हैं लेकिन यह कैसे निर्धारित किया जाए कि किन चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए इसके लिए कुछ वास्तु टिप्स दे रहे हैं, जिनके द्वारा घर में नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को घर में आने से रोका जा सकता है।
ताजमहल : ताजमहल अपितु प्यार की निशानी है लेकिन यह शाहजहां की पत्नी मुमताज की कब्रगाह भी है। इसकी फोटो या शो पीस घर पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह आलस्य और मृत्यु की निशानी है जो घर में नकारात्मक वातावरण पैदा करती है।
डूबती नाव : डूबती नाव का दृश्य परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों में ह्रास की प्रकृति को दर्शाता है। यह दुर्भाग्य का भी सूचक है इसलिए इस तरह के दृश्य को भी घर पर नहीं रखना चाहिए।
पानी का फव्वारा : कुछ लोग घर में पानी का फव्वारा रखना पसंद करते हैं लेकिन वास्तु के अनुसार इस तरह की वस्तु चलायमान प्रकृति को दर्शाती है अर्थात चीजों की अस्थिरता। इसका मतलब है कि धन व समृद्धि जो आपके जीवन में आती है वह ज्यादा समय तक आपके पास नहीं रहेगी। अत: इसे घर में स्थान न दें।
जंगली जानवर : जंगली जानवर की फोटो या शो पीस को भी घर में नहीं लाना चाहिए, क्योंकि यह घर में परिवार के सदस्यों में हिंसात्मक प्रकृति को बढ़ाती है।
कैक्टस या कांटेदार पौधे : इस तरह के पौधों को घर में नहीं रखना चाहिए। ये काम में बाधाएं आने का सूचक है। गुलाब के पौधे को घर में रखा जा सकता है।
डरावना दैत्य और पिशाच : इस तरह के चित्र या शो पीस भी घर में नहीं रखने चाहिएं। ये भी घर में नकारात्मक ऊर्जा को
बढ़ाते हैं।
उपरोक्त वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।