अगर देवी सरस्वती को करना है खुश तो पूजन के बाद ये करना न भूलें

Thursday, Jan 30, 2020 - 11:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
पंचांग में मतभद के कारण देश के बहुत से हिस्सों मे बसंत पंचमी का त्यौहार आज यानि 30 जनवरी 2020 को भी मनाया जाएगा। देवी सरस्वती की पूजा के साथ-साथ आसमान में पंतगें उड़ाने का सिलसिला जारी रहेगा। बता दें पंतगें उड़ाने की ये परंपरा ज्यादातर उत्तर भारत में ही देखने को मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती की पूजा से विद्या के साथ-साथ हर तरह की कला में निपुणता  का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मगर बहुत से लोग जिनको ये शिकायत करते देखा जाता है कि विधिवत पूजन के बाद भी उन्हें देवी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती। आख़िर ऐसा क्यों होता है? आपके इस क्यों का जवाब आज हम आपको बताएंगे। जी हा, अपने इस आर्टिकल के द्वारा बताएंगे कि ऐसी कौन सी भूल होती है जिस के कारण संपूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता। 

दरअसल कुछ लोग पूजन विधि को अच्छे से फॉली करना तो चाहते हैं मगर कईं बार जानकर तो कईं बार अंजाने में इनकी पूजा में सबसे अहम चीज़े मिस कर देते हैं। धार्मिक शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि हिंदू धर्म के प्रत्येक देवी-देवता की पूजा के बाद उनकी आरती करना अति आवश्यक होता है परंतु बहुत से लोग हैं ऐसा नहीं करते। 

तो अगर आप चाहते हैं आप पर देवी सरस्वती की कृपा हो आज उनकी पूजा के बाद निम्न आरती ज़रूर करें। 

पूरे संसार को ज्ञान और बुद्धि‍ देने वाली मां सरस्वती अपने साधकों को अखंड क्त‍ि भका वरदान देती है और मन से मोह व अज्ञान रूपी अंधकार को सदैव के लिए दूर करने वाली देवी सरस्वती को इस आरती से करें प्रसन्न। 


।। आरती माता सरस्वती की ।।
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सदूगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।।
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता
सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता।।
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
चन्द्रवदनि पद्मासिनि, द्युति मंगलकारी।
सोहे शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
बाएं कर में वीणा, दाएं कर माला।
शीश मुकुट मणि सोहे, गल मोतियन माला॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
देवी शरण जो आए, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
विद्या ज्ञान प्रदायिनि, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान और तिमिर का, जग से नाश करो॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
>धूप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी सुखकारी ज्ञान भक्ति पावे॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
>सदगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
ॐ जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।।

Jyoti

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