घर बैठे आप भी गंगा आरती में हो सकते हैं शामिल, बस करना होगा ये छोटा सा काम

Thursday, Jul 16, 2020 - 05:45 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कोरोना के कारण देश क्या दुनिया में हर तरफ़ डर का मौहाल बना हुआ है। हालांकि धीरे-धीरे लोग अपने जीवन को पहले जैसा करन में जुटे हुए हैं। परंतु क्योंकि कोरोना का खतरा दिनभर दिन इतना बढ़ता जा रहा है कि अभी भी कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें फिर से शुरू करने में सरकार हिचकिचा रही है। जी हां, आप शायद सही सोच रहे हैं हम बात कर रहे हैं प्रमुख धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक की। मगर किन्हीं जगहों पर कुछ ऐसे भी कदम उठा जा रहे हैं जिससे कहीं न कहीं लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचे और आस्था बनी रहे। अगर आप सोच रहे हैं कि हम आपको कोई गुड न्यूज़ देने वाले हैं तो आपका ये सोचना गलत नहीं। दरअसल काशी में गंगा सेवा निधि संस्था की तरफ़ कोरोना काल में गंगा आरती में शामिल होने के लिए एक ऐसा तरीका निकाला है, जिसके माध्यम से दूर बैठा हर व्यक्ति अपने घर से ही इसके दर्शन कर पाएगा। 

बता दें वराणासी काशी की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती जल्द ही अपने डिजिटल अवतार में लोगों के समक्ष होने वाली है। जिसके बाद न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में कहीं से भी इस गंगा आरती को ऑनलाइन देखा जा सकेगा। 

इस आरती की सबसे खास बात तो ये है कि आरती को 6 अलग-अलग एंगल से देखा जा सकेगा। आयोजक संस्था गंगा सेवा निधि (Ganga Seva Nidhi) की वेबसाइट https://www.gangasevanidhi.org/ से इसे ऑनलाइन या ऑनएयर किया जाएगा। बताया जाता है संस्था ने इसके प्रसारण का ऑनलाइन ट्रायल भी कर लिया है। बता दें वेबसाइट के फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम पर भी इसे देखा जा सकेगा।

कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद मंदिरों के कपाट भी लोगों के लिए बंद कर दिए गए थे, हालांकि कई मंदिर अनलॉक के बाद में भी नहीं खोले गए, जिसकी वजह से लोगों की आस्था को बहुत दुख पहुंचा। परंतु इस बात का भी खास ध्यान रखा जाए कि परंपरा न टूटे इसलिए धर्मस्थलों में कुछ चुनिंदा लोग प्रतीकात्मक रूप से परंपरा का निर्वहन कर रहे थे। 

संस्था के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि काशी में 18 मार्च से 7 ब्राह्मणों के बजाय इस बार केवल 1 ब्राह्मण ही गंगा पूजन और आरती की परंपरा का निर्वाह करेगा। पर दैनिक गंगा आरती में आस्था रखने वालों के लिए आरती का डिजिटल अवतार लाया जा रहा है। 6 विभिन्न कोणों से गंगा आरती का ऑनलाइन लाइव (Ganga Aarti Live) प्रसारण घाट पर मौजू़ूद होने की अनुभूति कराएगा। इसे लाइव करने के लिए संस्था की वेबसाइट में कुछ बदलाव भी किए जा रहे हैं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें काशी में दैनिक गंगा आरती का सिलसिला कोई नया नहीं है, बल्कि यह काफी पुराना है। यहां 1970 तक गंगा महासभा की ओर से रोज़ाना गंगा आरती कराई जाती रही है, बीच में कुछ समय के लिए ये बाधित हुआ था परंतु 1997 में इसे फिर से शुरू करवाया गया। 

Jyoti

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