Happy Hug Day 2019: दिल से दिल का क्नैक्शन जोड़े, जादू की झप्पी

Wednesday, Feb 13, 2019 - 08:10 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
जालंधर (शीतल जोशी):
‘लग जा गले के फिर हंसी रात हो न हो, शायद फिर इस जनम में मुलाकात हो न हो’ प्यार से गले लगाना यानि आलिंगन करना एक बेहद ही सुखद अहसास होता है। बच्चे के रोने पर जब मां उसे प्यार से अपने गले लगा कर सहलाती है तो बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। वैलेंटाइन के छठे दिन में प्यार के इस अहसास को करीब से महसूस करने के लिए ‘हग डे’ के रूप  में मनाया जाता है जिसे युवा ही नहीं बल्कि हर आयु वर्ग के लोग उत्साह के साथ मनाते हैं। कुछ वर्ष पूर्व वैलेंटाइन वीक को केवल युवाओं के हुलड़-मस्ती के हफ्ते के तौर पर माना जाता था वहीं आजकल कुछ  पेरैंटस भी बच्चों के साथ वैलेंटाइन वीक के कुछ दिनों को सहज होकर मना रहे हैं। 

‘‘कोई कहे इसे जादू की झप्पी, कोई कहे इसे प्यार, मौका खूबसूरत है, आ गले लग जा मेरे यार, बोले तो जादू की झप्पी में कुछ ऐसा कमाल है कि आप अपनी सारी टैंशन को भूल कर रिलैक्स फील करने लगते हैं। ‘हग डे’ की खास बात ये है कि इसके लिए सिर्फ ब्वाय फ्रैंड या गर्ल फ्रैंड होने की ही जरूरत नहीं है बल्कि एक प्यारी सी जादू की झप्पी आप के हर किसी के साथ रिश्ते में दूसरों को प्यार और केयर का अहसास करवा सकते हैं। गले लगने या लगाने से हमारे दूसरों के  प्रति अपने लगाव को आसानी से महसूस कर सकते हैं।  

गले लगने से होता है सुरक्षा का अहसास: 
‘हग डे’  पर गले लगाने से एक सुरक्षा का भाव पैदा होता है। जिंदगी में आप चाहे कितनी भी बड़ी परेशानी को क्यों न झेल रहे हो, आप के अपने जब आप को गले से लगाते हैं तो आप में आत्मविश्वास पैदा होता है कि आप अकेले नहीं हैं आप को सहयोग करने के लिए आपके पारिवारिक सदस्य और मित्र आप के साथ हैं। इस दिन को अगर युवा मस्ती के दिन की बजाय दुसरों की फीलिंग्स की रिस्पेक्ट करके बिताएं तभी इसे मनाना सार्थक होगा। जैसमिन का मानना है कि वैलेंटाइन वीक के हर दिन को मना कर उनके साथ और फ्रैंडली होने का अवसर मिलता है। मृदुल आनंद ने बताया कि बच्चों के कोमल मन को सही रास्ता दिखाना जरूरी होता है। 

गले लगाएं, तनाव भगाएं, आत्मविश्वास बढ़ाएं :- 
‘हग डे’ पर हग करना ‘टच थरैपी’ का हिस्सा है जिससे मनुष्य का मनोविज्ञानिक और शारीरिक विकास बढ़ता है। यूनिर्वसिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई शोध के अनुसार गले लगने से शरीर में आक्सीटॉसिन और सेरोटोनिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है जिससे तनाव कम होता है। शरीर में होने वाले कई प्रकार के दर्दों में भी आराम मिलता है। जर्नल आफ ए डेमोलाजी एंड कम्युनिटी हैल्थ के अनुसार बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए गले लगाने से उनका मानसिक और शारिरिक विकास आसानी से होता है। हर इंसान को एक दूसरे के टच से उसके मन के इरादों का अहसास हो जाता है।

बच्चे के तनाव में होने पर बड़े जब उसे गलती सुधारने के लिए प्यार और दुलार से गले लगाते हैं तो इससे दिल के रोगों का रिस्क भी कम हो जाता है। इससे तनाव, चिंता और अवसाद भी दूर होता है। एक अन्य शोध के अनुसार 20 सेकेंड के आलिंगन से आक्सीटोन होर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे मांसपेशियों के मुलायम टिश्यूज में खून का दौरा बढऩे से शरीर का दर्द भी कम होता है और नर्वस सिस्टम संतुलित रहता है।
दलविंदर जौली, मनोचिकित्सक
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Niyati Bhandari

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